नहीं बताया गया था question english में रहेंगे

स्टूडेंट्स का कहना था कि पहले से यह नहीं बताया गया था कि क्वेश्चंस इंग्लिश में रहेंगे। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मामले को काफी हल्के में लिया है। प्रोफेसर इंचार्ज डॉ सुमिता मुखर्जी ने कहा कि इंग्लिश में क्वेश्चन होना कोई बड़ी बात नहीं। एग्जाम वीमेंस कॉलेज के अलावा ग्रेजुएट कॉलेज में कंडक्ट हुआ। सुबह 10 से 12 बजे तक हुए एग्जाम में 100 क्वेश्चंस पूछे गए थे। 200 सीट्स के लिए 1383 स्टूडेंट्स इंट्रेंस में शामिल हुए।

गलती से छप गया है
क्वेश्चन पेपर में इंस्ट्रक्शन में लिखा था कि पेपर में निगेटिव मार्किंग है। यह देख स्टूडेंट्स भडक़ गए। ग्रेजुएट कॉलेज में एग्जाम दे रही स्टूडेंट्स ने जब इसका विरोध किया तो इंविजलेटर ने थोड़ी देर बाद आकर बताया कि निगेटिव मार्किंग नहीं है और ऐसा गलती से छप गया है। उतनी देर तक स्टूडेंट्स बैठे रहे और इस वजह से उन्हें काफी परेशानी हुई।

बात करना उचित नहीं समझा
इंग्लिश में क्वेश्चन होने और निगेटिव मार्किंग छपने के बारे में जब आई नेक्स्ट ने जब जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में बीएड डिपार्टमेंट के एचओडी राकेश प्रसाद से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल पिक नहीं किया। कई बार रिंग करने और एसएमएस भेजने के बाद भी उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया जबकि इस बीच कई बार उनका मोबाइल दूसरों से बात करने की वजह से बीजी रहा।

'हमें पहले से नहीं बताया गया था कि क्वेश्चंस इंग्लिश में होंगे। इस वजह से हमें काफी परेशानी हुई। कई टेक्निकल टर्म समझ नहीं पाई इस वजह से उसे सॉल्व नहीं कर पाई। इससे मेरा रिजल्ट अच्छा नहीं होगा। मैं काफी निराश हूं.'
-नीतू

'सिर्फ इंग्लिश में क्वेश्चंस कैसे पूछे गए। अगर ऐसा है तो हम इस मुद्दे पर प्रिंसिपल से बात करेंगे। निगेटिव मार्किंग पर भी हम उनसे बात करेंगे.'डॉ -केसी डे,  रजिस्ट्रार केयू

'मुझे नहीं लगता कि इंग्लिश में क्वेश्चंस होने की वजह से किसी तरह की परेशानी होनी चाहिए। बीएड का इंट्रेंस देने वाली गल्र्स को इतनी इंग्लिश तो आनी ही चाहिए। निगेटिव मार्किंग वाली बात को हम बाद में देखेंगे.'
-डॉ सुमिता मुखर्जी, प्रोफेसर इंचार्ज जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज

Report by: amit.choudhary@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk