रांची (ब्यूरो)। रानू मंडल को कौन नहीं जानता। इंटरनेट पर उसके गाने सुनकर मशहूर संगीतकार हिमेश रेशमिया ने उन्हें फिल्म में गाने का चांस दिया, तो रातो-रात उनकी किस्मत बदल गई। उनकी जिंदगी से मिलती-जुलती कहानी रांची की बंधन की भी है। एक से बढ़कर एक फिल्मी गीतों को अपनी सुरीली आवाज में गाने वाली बंधन रांची के चौक-चौराहों पर भीख मांगते नजर आ जाती हैैं। उनकी आवाज में एक दर्द है और खनक भी। विडंबना यह है कि उनकी इस कला को आज तक किसी ने परखा नहीं।

मंदिर में गुजरती है बंधन की रात

गुरुवार को रटन टॉकीज चौक के पास मिली बंधन ने कई गीत सुनाए। उन्होंने बताया कि वह मूल रूप से पिठोरिया की रहने वाली हैैं। हालांकि, परिवार में कोई नहीं बचा, तो घर से बेदर हो गईं। इंटर तक पढ़ी लिखी बंधन पेट पालने के लिए मंदिर-मस्जिद आदि धार्मिक स्थलों के बाहर भीख मांगती हैैं। रात रातू रोड स्थित साईं मंदिर में उनकी रात गुजरती है।

बचपन से ही गाने का शौक था

बंधन से जब जानने की कोशिश की गई कि उन्होंने गाना कहां से सीखा, तो बताया कि बचपन से ही गाने का शौक था, लेकिन गरीबी और बेघर होने के कारण इस कला को आगे नहीं बढ़ा पाईं। गली-मोहल्लों में पान की दुकान में पहले खूब गाने बजते थे। दुकान के सामने खड़े होकर वह गाने का रियाज करती थीं। वहीं से गाना सीख लिया। अब लोगों का मनोरंजन करती हैैं, जिससे खुश होकर लोग उन्हें पांच-दस रुपए दे देते हैैं। इसी से दिन भर खाना-पीना चलता है।

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