पब्िलक ने आईटीओ पर जाम लगा दिया है और दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने प्रोटेस्ट कर रहे हैं. एक बार फिर दिल्ली में वैसा ही नजारा दिख रहा है जैसा दिल्ली गैंगरेप के विरोध में सड़कों पर दिखा था.  

पांच साल की बच्ची गुडिय़ा (बदला हुआ नाम) से रेप के बाद एक बार फिर दिल्ली वाले उबल पड़े. इस दौरान जब अस्पताल के बाहर एक युवती बच्ची को एम्स भेजने की मांग कर रही थी तो एडिशनल पुलिस कमिशनर ने थप्पड़ जड़ दिया. इससे युवती के कान से खून निकलने लगा. एसीपी बीएस अहलावत को सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन लोगों का गुस्सा कायम है.

जांच में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी व विवेचनाधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया. आरोपी मनोज को देर रात मुजफ्फरपुर (बिहार) के चिकनौटा गांव से अरेस्ट कर लिया गया. होम मिनिस्टर सुशील कुमार शिंदे ने कोई टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए पुलिस आयुक्त नीरज कुमार से रिपोर्ट तलब की.

मामले को तूल पकड़ता देख पीएमओ ने भी मामले में दखल दिया. हैवानियत की शिकार गुडिय़ा को चौतरफा दबाव के बाद एम्स रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है.

 

मजदूरी करने वाले माता-पिता की यह बच्ची 15 अप्रैल को लापता हो गई थी. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन उसने जांच करने की जहमत नहीं उठाई. 17 अप्रैल को परिजनों को एक कमरे से रोने की आवाज सुनाई दी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़ा तो वहां गुडिय़ा को खून से लथपथ पाया.

उसे गंभीर हालत में स्वामी दयानंद अस्पताल में एडमिट कराया गया. लोगों को जब इस दरिंदगी की जानकारी मिली तो वे बड़ी संख्या में दयानंद अस्पताल के बाहर विरोध जताने लगे. इसमें अरविंद केजरीवाल की पार्टी 'आप'  के भी कार्यकर्ता शामिल थे.

जब बच्ची का हालचाल लेने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एके वालिया व सांसद संदीप दीक्षित अस्पताल पहुंचे तो उन्हें आक्रोशित भीड़ की धक्कामुक्की का शिकार होना पड़ा. बच्ची के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें 2000 रुपए देकर अपना मुंह बंद करने के लिए कहा था.

हैवानियत की इंतहा

इस बच्ची के साथ भी रोंगटे खड़े कर देने वाली बर्बरता हुई. डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके बच्ची के यौनांग से दो मोमबत्ती और प्लास्टिक की एक छोटी बोतल निकाली है.

दयानंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर के बंसल ने बताया कि मासूम के गाल, होंठ और गले पर नोचने के निशान हैं. शायद गला दबाकर उसे मारने की कोशिश की गई. पीड़ा से तड़प रही बच्ची का ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम है. उसके पेट में संक्रमण है, इसलिए उसे अभी कुछ खाने-पीने को नहीं दिया जा सकता.

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