-प्रशासन की रिपोर्ट, मुआवजे की श्रेणी में नहीं देहरादून के किसान

-देहरादून में 33 प्रतिशत से कम ही बताया गया सूखे से नुकसान

-शासन ने प्रशासन को दिए री-सर्वे कराने के आदेश

>DEHRADUN: एक ओर पूरा पहाड़ सूखा झेल रहा है, वहीं किसानों की फसलें इससे बुरी तरह प्रभावित हो रही है। देहरादून की बात करें तो सूखा प्रभावित किसानों का मुआवजा आंकड़ों में उलझ गया है। प्रशासन की रिपोर्ट में देहरादून में सूखे से इतना नुकसान ही नहीं हुआ कि यहां के किसानों को मुआवजे की श्रेणी में रखा जाए। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में देहरादून में सूखे से नुकसान का आंकड़ा फ्फ् प्रतिशत से कम ही है।

यह है मुआवजे का नियम

शासन मानता है कि यदि सूखे से किसानों की फ्फ् प्रतिशत फसल को नुकसान हुआ है तो उसे मुआवजे की श्रेणी में रखा जाता है। इससे कम नुकसान पर मुआवजा नहीं दिया जाता। वहीं दूसरी ओर यह नियम किसानों पर भारी पड़ रहे हैं। जहां सूखे के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है, वहीं नुकसान होने के बावजूद वह सरकारी मदद की श्रेणी से बाहर हाे गए हैं।

सबसे अधिक देहरादून सदर तहसील प्रभावित

प्रशासन ने जो सर्वे कराया है, उसमें देहरादून जिले की बात करें तो सबसे अधिक सूखे का प्रभाव देहरादून सदर तहसील पर है। यहां पर प्रशासन ने सूखे से ख्फ् प्रतिशत से अधिक नुकसान होना बताया है। हालांकि इतने नुकसान पर किसानों को मुआवजा नहीं मिलता, इसलिए शासन को देहरादून जिले को सूखे ग्रस्त से प्रभावित न होने की रिपोर्ट भेजी गई है।

अन्य तहसील में क्0 से क्भ् प्रतिशत नुकसान

देहरादून में विकासनगर, कालसी, ऋषिकेश तहसील में सूखे से मात्र दस से क्भ् प्रतिशत ही फसलों का नुकसान होना बताया गया है। यह सर्वे प्रशासन ने तहसील, कृषि विभाग के माध्यम से यह सर्वे कराया गया था।

शासन ने री सर्वे के दिए आदेश

कुमाऊं मंडल के पांच जिले अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ में सूखे का असर है। ऐसे में गढ़वाल मंडल के देहरादून, हरिद्वार आदि जिलों में सूखे का असर न आने की रिपोर्ट के बाद शासन ने इन जिलों में दोबारा सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। देहरादून में शीघ्र ही फसलों पर सूखे के असर को लेकर री-सर्वे कराया जाएगा।

प्रदेश में फसलों की यह है स्थिति

प्रदेश में इस बार कुल ब्ख्क्फ्80 हेक्टेयर फसलें बोई गई थी। इन फसलों में से 7ब्ब्भ्7 हेक्टेयर फसलें सूखे की चपेट में बताई जा रही है। ऐसे में इस बार गेहूं की फसल पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने वाला है, जहां उत्पादन कम होने से गेहूं के दाम बढ़ने की संभावना है। वहीं किसानों के लिए यह काफी नुकसानदायक सिद्ध होगा।

हमारी ओर से पहला सर्वे कराकर भेज दिया गया था। सबसे अधिक देहरादून सदर तहसील में ख्फ् प्रतिशत प्रभाव है। इसके अलावा अन्य तहसील में क्भ् प्रतिशत तक ही सूखे का प्रभाव है। सूखे को लेकर शीघ्र ही री-सर्वे भी कराया जाना है।

--झरना कमठान, एडीएम एफआर, देहरादून