आरोपियों की दादी ने बेटी व दामाद को दान में दी थी जमीन

बाद में भी उनके पिता ने भी जमीन बेच कर पूरा पैसा बहन को दे दिया

ALLAHABAD: पडि़ला गांव के विजय बहादुर और उनकी पत्‍‌नी ऊषा की हत्या महज तीन बिस्वा जमीन के विवाद में चली गई। मंगलवार को जब ग्रामीणों को इस दोहरे हत्याकांड की जानकारी हुई। तो वह काफी आक्रोशित हो उठे।

बेटी-दामाद को दी थी जमीन

बहरिया थाना क्षेत्र के तुलापुर सिकंदरा के विजय बहादुर की शादी 25 साल पहले भोपतपुर की ऊषा देवी से हुई थी। ऊषा की मां ने पडि़ला वाली जायदाद बेटी व दामाद को दी थी। विजय बहादुर पत्‍‌नी को लेकर लगभग 18 साल पहले पडि़ला आकर रहने लगे। परिवार के लोग एक मामूली से कच्चे मकान में रहते हुए किसी तरह गुजारा करते थे। पुलिस को जांच में पता चला है कि करीब चार साल पहले जब विजय बहादुर ने मकान बनवाना चाहा तो ऊषा के भाई राजेंद्र के बेटों ने विरोध किया। इसे लेकर उनके बीच तनातनी हो गई।

जमीन बेच बहन को दिया पैसा

बाद में राजेंद्र ने विजय बहादुर के बगल वाली करीब तीन बिस्वा जमीन मोनू पासी को बेच दी। यही नहीं उसने जमीन के बदले मिले 12 लाख रुपये बेटों की बजाय बहन को दे दिया। पैसा नहीं मिलने से उनके बेटे खफा हो गए। राकेश-दिनेश ने पिता राजेंद्र की मौत के दिन बहन को वहां से भगा दिया था और उन पर ही मार डालने का आरोप लगाया था। यही नहीं यह भी लांछन लगाया कि उनके चक्कर में ही पिता ने जमीन को बेची थी। तीन बिस्वा जमीन बिकने और लगभग इतनी ही जमीन पर कब्जा होने से दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता ही जा रहा था। फिलहाल पुलिस का दावा है कि जमीन के विवाद में ही दंपती की हत्या हुई है।

पूरे परिवार को मारने का था इरादा

ग्रामीणो की माने तो बेटी नीलू ने पुलिस को बताया कि रात में वह छोटी बहन आंचल और भाई सत्यम के साथ भीतर के कमरे में सोई थी। अंदर से दरवाजा बंद था। देर रात किसी ने दरवाजा खटखटाया, तो मां बाप को आवाज दी। उनकी कोई आहट न मिलने पर शक हुआ। तभी बाहर से आवाज आयी कि बच्चों दरवाजा खोलो फूफा आए हैं और तुम्हारे लिए चीज लाए हैं। नीलू को शक हुआ तो उसने दरवाजे के ऊपर बने छेद से टार्च मारा, इसी बीच मां-बाप ने कराहते हुए आवाज लगाई कि दरवाजा मत खोलना, यह सुन नीलू घबरा गई और उसने तुरंत कुछ दूर पर रहने वाले पटेल परिवार को फोन करके घटना के बारे में बताया। तब तक गांव में हल्ला हो गया और पुलिस को खबर दी गई। एसपी गंगापार सुनील सिंह ने कहना है नीलू ने बयान दिया है कि मामा दिनेश ने फूफा बनकर आवाज लगाई थी और उसने हाथ डालकर दरवाजा खोलने का प्रयास किया लेकिन ताला लगा होने के कारण नहीं खुला। अगर वह दरवाजा खोल देती तो वे पूरे परिवार को मार डालते।