-इंडियन एयरफोर्स के पायलेट ने किया केदारनाथ का दो बार निरीक्षण

-बारिश के कारण बार-बार निर्माण कार्य हो रहा है प्रभावित

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DEHRADUN : केदारनाथ में दो बार रेकी की गई है, जिसके बाद पाया गया कि अब यहां एमआई-ख्म् लैंड कर सकता है। यह रेकी सहारनपुर सरसावा स्थित इंडियन एयरफोर्स के बेस कैंप के पायलेट्स के जरिए पिछले हफ्ते हुई। इसके बाद यह तय माना जा रहा है कि ख्0क्फ् के त्रासदी के बाद करीब एक साल से केदारनाथ में रि-कंस्ट्रक्शन की क्षीर्ण संभावनाएं प्रबल हो सकती हैं।

एक साल से जंक खाती मशीनें

दरअसल, केदारनाथ में पिछले साल क्म् व क्7 जून के बाद पूर्ववर्ती बहुगुणा सरकार व वर्तमान हरीश रावत सरकार ने यदा-कदा केदारनाथ में पुनर्निर्माण को लेकर खूब बयानबाजियां की। बहुगुणा सरकार ने तो बकायदा ईपीआईएल कंपनी को काम देने का भी ऐलान कर दिया था, लेकिन कंपनी की भारी भरकम मशीनें साल भर से गौचर के ग्राउंड में धूल फांक रही हैं। इन सभी मशीनों को एमआई-ख्म् के जरिए केदारनाथ में पहुंचाया जाना था। जिसके बाद वहां पुनर्निर्माण का काम शुरू हो सकता था। लेकिन इंडियन एयरफोर्स से इस पर हरी झंडी नहीं मिल पाई। अब कुछ महीनों पहले से केदारनाथ में एनआईएम एमआई-ख्म् के लिए हेलीपैड तैयार कर रहा है।

ब्0गुणाब्0 मीटर हेलीपैड तैयार हुआ

बताया गया है कि ब्0गुणा 70 मीटर का बनने वाला हेलीपैड ब्0गुणाब्0 मीटर का निर्माण पूरा हो चुका है, बाकी पर निर्माण कार्य जारी है। बारिश के कारण आजकल कार्य बाधित हो रहा है। जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग के अनुसार पिछले हफ्ते इंडियन एयरफोर्स के पायलेट ने दो बार केदारनाथ का विजिट किया। जिसके बाद पायलेट ने केदारनाथ में एमआई-ख्म् के उतरने की संभावनाओं पर हामी भर दी है। इसके बाद अब तय माना जा रहा है कि केदारनाथ में तेजी से पुनर्निर्माण के कार्यो में तेजी आ सकेगी। फिलहाल केदारनाथ में तेजी से बन रहे हेलीपैड व मौसम पर निर्भर करेगा कि कब तक एमआई-ख्म् उतर पाएगा, लेकिन संभावनाएं प्रबल हो चुकी हैं।