भूल जाना चाहती हैं मीना की यादें

बड़ा सा आंगन, खुला-खुला बरामदा, हवादार कमरों वाला करीने से बना और सजा सफेद मकान, जिसके आंगन में खेले थे, मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही. जहां उनकी हंसी व ‘पाकीजा’ फिल्म के गीत गूंजते थे, वहां अब खामोशी है. साल में दो-चार बार जब रुखसार यहां आती हैं तो खामोशी टूटती है. पर सिसकियां सी सुनाई देने लगती हैं. वह कमाल अमरोही की बेटी हैं, इस पर उन्हें फख्र है, लेकिन मीना कुमारी, उनकी छोटी अम्मा थीं, इस पर अफसोस है. कहती हैं, बड़ी भूल की मेरे पिता ने. मीना कुमारी ने न सिर्फ उनका कद छोटा कर दिया, बल्कि उन्हीं के कारण कमाल साहब की छवि खलनायक वाली बन गई. काश, वह मीना से शादी न करते तो बड़ा मुकाम हासिल करते. इसलिए अब मीना कुमारी से जुड़ी यादों को वह भूल जाना चाहती हैं.

'मुझे टार्चर करती हैं मीना कुमारी की यादें'

मामूली बात पर हो गए थे अलग

रुखसार बताती हैं कि कमाल अमरोही और मीना कुमारी एक मामूली सी बात पर अलग तो हो गए थे, लेकिन कभी उनका तलाक नहीं हुआ. कोई तलाकनामा किसी के पास नहीं है. न ही कमाल साहब के कारण उन्हें शराब की लत लगी थी, बल्कि फिल्म वालों ने मीना को बर्बाद करने के लिए यह लत लगाई थी. यही वजह है कि कमाल साहब से अलग होने के बाद वह एक भी हिट फिल्म नहीं दे पाईं. यह किस्सा भी खत्म हो गया था, लेकिन ‘साहब, बीवी और गुलाम’ में एक शराबी महिला के किरदार को मीना कुमारी की रियल जिंदगी से जोड़ दिया गया. इसके बाद से मीना कुमारी की जन्म तिथि हो या बरसी, उनके बारे में मनगढ़ंत किस्से बना दिए जाते हैं. उनके बारे में बताया जा रहा हर किस्सा झूठा है.

Report by: Ajay Yadav (Dainik Jagran)

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