मिसौरी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट बनाएंगे डिवाइस
मिसैरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलॉजी के स्टूडेंट इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. प्रोफेसर टेरी विल्सन इन स्टूडेंट्स को गाइड कर रही हैं. ये छात्र बॉयोलॉजिकल साइंस कोर्सेज में एनरोल्ड हैं. इनमें से एक कोर्स में स्टूडेंट्स अपने डिजिटल माइक्रोस्कोप बना रहे हैं. इसके लिए वो कैरिज बोल्ट, नट, नट विंग्स,वाशर्स और प्लाई वुड एक हार्ड स्टोर से बना रहे हैं. इसके इलावा लेजर प्वाइंटर लेंसेस, एलईडी लाइट्स एक फ्लैशलाइट की-चेन से बना रहे हैं. इस सब चीजों से वे एक स्मार्टफोन और एक डिजिटल समार्टफोन बना रहे हैं.

अमेजिंग रिजल्ट देगा ये माइक्रोस्कोप

डैनियल मिलर ने बताया कि ये माइक्रोस्कोप ऑबजेक्ट्स को 175 गुना बड़ा करके दिखाएगा. मिलर ने मिसैरी यूनिवर्सिटी से बॉयॉलॉजिकल साइंस में मास्टर्स किया है. मिलर की प्रोफेसर टेरी विल्सन कॉमर्शियल माइक्रोस्कोप्स से खुश नहीं थीं. लेकिन जब मिलर ने उन्हें अपने प्रोजेक्ट दिखाया तो विल्सन के अचरज का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने कहा कि मैं मिलर के काम से बहुत खुश हुई. यह डिजिटल माइक्रोस्कोप बॉयॉलोजिकल लैब में सेल के लिए अवेलेबल है. विल्सन के मुताबिक सभी माइक्रोस्कोप काफी एक्सपेंसिव होते हैं लेकिन यह एक कॉस्ट इफेकटिव माइक्रोस्कोप है.

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