नई दिल्ली (पीटीआई)। कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर सितंबर में 4.35 प्रतिशत पर थी जो अक्टूबर 2020 में 7.61 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर महीने के दौरान खाने-पीने की चीजों के भाव बढ़ कर 0.85 प्रतिशत पर पहुंच गए। पिछले महीने खाने-पीने की चीजों की महंगाई 0.68 प्रतिशत पर थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतियों की द्विमासिक समीक्षा के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर प्रमुख आधार है।
खुदरा महंगाई की अनुमानित दर 5.2 प्रतिशत
हालांकि सरकार ने आरबीआई को इसे 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए कहा है। जरूरत के मुताबिक वह इसमें 2 प्रतिशत उपर-नीचे घटाने या बढ़ाने पर विचार कर सकती है। आरबीआई का अनुमान है कि सीपीआई आधारित महंगाई 2021-22 की पहली तिमाही में 5.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत तथा अंतिम तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहेगी। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि खुदरा महंगाई 2022-23 में अप्रैल-जून के दौरान इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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