- परिवहन निगम मुख्यालय में निदेशक मंडल की 227वीं बोर्ड बैठक में हुआ निर्णय

- लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा और गोरखपुर में आर्मी ड्राइवर्स को कमान

LUCKNOW

परिवहन निगम मुख्यालय पर राजेश कुमार सिंह अध्यक्ष, उप्र परिवहन निगम की अध्यक्षता में निगम के निदेशक मंडल की 227वीं बैठक हुई। जिसमें एसी जनरथ बसों में सफर करने वाली यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया। निर्णय में साफ है कि लखनऊ समेत चार शहरों में एसी जनरथ बसों की स्टेयरिंग रिटायर्ड आर्मी ड्राइवर्स संभालेंगे। बैठक में परिवहन निगम के एमडी डा। राज शेखर ने एजेंडा बिंदुओं को निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्तुत करते हुये निगम के कार्यकलापों से अवगत कराया।

ये निर्णय बैठक में हुए

1-ग्रेच्युटी की धनराशि की सीमा वृद्धि का लाभ 10 लाख से 20 लाख निगम कर्मियों को दिया जाना।

2. केंद्रीय कार्यशाला उप्र परिवहन निगम, रावतपुर कानपुर की भूमि पर कानपुर मेट्रो रेल परियोजना कार्य के लिए जनहित में मेट्रो रेल कारपोरेशन को निगम भूमि का उपयोग करने अनुमति।

3. प्रदेश में परिवहन निगम के बस अड्डों के निर्माण, पुनर्निर्माण, सौंदर्यीकरण की योजना के अंतर्गत 305.046 लाख के प्रस्तावों पर सहमति। जिसमें अलीगंज जनपद एटा में बस स्टेशन का निर्माण 105.226 लाख व मथुरा के कस्बा नौझील में परिवहन निगम के बस स्टेशन का जीर्णोद्धार 112.82 लाख तथा बस स्टेशन कोरांव जनपद प्रयागराज का पुनर्निर्माण 48.00 लाख तथा बस स्टेशन कुंडा प्रतापगढ़ का सुधार 39.00 लाख शामिल है।

4. निगम की एसी जनरथ बसों की दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अनुभवी चालकों के प्रयोग के विकल्प पर विचार करते हुए सेना के सेवानिवृत्त चालकों को 4 क्षेत्रों में 5-5 बसों पर 2 चालक प्रति बस के आधार पर 3 माह के लिए आबद्ध करने का स्वीकृति।

5. परिवहन निगम के बस स्टेशनों पर स्टालों के आवंटन की प्रक्रिया को सुगम करने के लिए ऑनलाइन आवेदन, ई-टेंडरिंग आदि की व्यवस्था को प्रभावी करना। पान-सिगरेट एवं पीसीओ के स्टाल की व्यवस्था समाप्त करना।

6. बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यात्री प्लाजा के अनुबंध के लिये क्षेत्रीय मुख्यालय से 80 किमी की दूरी की शर्त को घटाकर 50 किमी करना तथा जिन मार्गो पर 300 से अधिक बसें संचालित हैं, उनमें अब एक की जगह दो-दो यात्री प्लाजा और एसी बसों के लिए विशिष्ट यात्री प्लाजा के लिए निर्धारित नियमों में संशोधन का अनुमोदन।