वार्ता हुई विफल
वन रैंक, वन पेंशन मामले को लेकर भूतपूर्व सैनिकों की रविवार को सरकार के साथ औपचारिक बातचीत हुई। पर्दे के पीछे जारी इस वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके चलते नाराज पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन शुरु कर दिया। पीएम मोदी से 1 साल पहले किए गए वादे को तत्काल पूरा करने की मांग की। हालांकि इन पूर्व सैनिकों ने इस मुद्दे पर सोमवार से क्रमिक भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

कोई निश्िचत समय-सीमा नहीं
वन रैंक, वन पेंशन लागू करने के फिलहाल अभी तक कोई निश्चित समय सीमा नहीं दी गई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर जयपुर में सीमा सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों और समाधानों पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, वह सभी वादों को पूरा करेंगे, लेकिन इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। इसके लिए सभी पूर्व सैनिकों को थो़ड़ा धैर्य रखने की जरूरत है।

वित्त मंत्रालय के पास है फाइल
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें, तो वन रैंक, वन पेंशन की फाइल अंतिम बजट मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के करीबी समझे जाने वाले अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेटर लिखकर वन रैंक, वन पेंशन को लागू करने की मांग की है, ताकि पूर्व सैनिकों का भरोसा न टूटे।

सरकार के खिलाफ नहीं अपने लिए लड़ रहे
इंडियन एक्स सर्विसमैन (आईइएसएम) के मीडिया सलाहकार रिटायर्ड कर्नल अनिल कौल ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर एक रैली में कहा कि, पीएम मोदी ने हमें आश्वासन दिया था कि, इसे जल्द लागू किया जाएगा। लेकिन हम 1 साल से इंतजार ही करते रह गए और यह अभी तक नहीं हुआ। कौल ने आगे कहा कि, पंजाब, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अनय राज्यों के कुल 50 शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। वैसे आईइएसएम का यह भी कहना है कि, वे किसी सरकार के खिलाफ नहीं है। लेकिन अपनी लंबित मांग पूरा करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

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