आम आदमी पार्टी में मचे घमासान के बाद टारगेट योगेंद्र यादव ने फेसबुक पर अपने इमोशंस शेयर किए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन से प्रशांत जी और उनके बारे में चल रही खबरें सुन और पढ़ कर हंसी भी आती है और दुख भी होता है. हंसी इसलिए आती है कि कहानियां इतनी मनगढ़ंत और बेतुकी हैं कि लगता है कहानी गढ़ने वालों के पास समय कम होगा और कल्पना ज़्यादा. और दुख इन कहानियों की नीयत को देखकर होता है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें इतनी बड़ी जीत दी है. ये वक़्त बड़ी जीत के बाद, बड़े मन से, बड़े काम करने का है ताकि देश की जनता की उम्मीदें पूरी का सकें. इसलिए उन्होंने अपील की कि हम अपनी छोटी हरकतों से अपने आप को और इस आशा को छोटा न होने दें.  उन्होंने एक शेर भी शेयर किया आइए हाथ उठाएं हम भी, हम जिन्हें रस्म-ए-दुआ याद नहीं...


वहीं दूसरी ओर ये खबर आ रही है कि अरविंद केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने की इच्छा के अरोप में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर इस के चलते गाज गिर सकती है. आप नेता संजय सिंह ने कहा है कि सीनियर लीडर्स के स्टेटमेंटस से पार्टी वकर्स में निराशा फैलती है, इसलिए केजरीवाल के खिलाफ मुहिम सही नहीं है.  सबको पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए. इन सारे मामलों के चलते पार्टी की इमेज को और खराब होने से बचाने के लिए 4 मार्च को राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनईसी) की बैठक में इस बाबत फैसला किया जाएगा. बैठक में पार्टी के 21 वोटिंग मेंबर शामिल होंगे.

Ashutosh Arvind and Sanjay

इससे पहले आप के आतंरिक लोकपाल एडमिरल रामदास ने भी चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. रामदास ने केजरीवाल के सीएम बनने के बाद उनके संयोजक पद पर रहने पर भी सवाल उठाए थे. सुनने में आया है कि इन सारी बातों के बीच केजरीवाल की तबीयत बिगड़ने लगी है और उनका शुगर लेबल खतरनाक स्तर तक शूट कर गया है.

 

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