RANCHI: रिम्स में लैब टेक्नीशियन व ओटी टेक्नीशियन बुधवार से हड़ताल पर चले गए। स्थायीकरण की मांग को लेकर उनमें आक्रोश है। बुधवार सुबह लैब टेक्नीशियन और ओटी टेक्नीशियन निदेशक कार्यालय में अपनी मांगों को लेकर उनसे मिलने पहुंचे। निदेशक डॉ। डीके सिंह ने मिलने से इन्कार कर दिया। आक्रोशित टेक्नीशियनों का कहना है कि अगर प्रबंधन ने हमलोगों की बात नहीं मानी, तो वे हड़ताल पर डटे रहेंगे।

लंबे समय से दे रहे सेवा

लैब और ओटी टेक्नीशियन लंबे समय से रिम्स में आउटसोर्स माध्यम से सेवा दे रहे हैं। रिम्स में निकाले गए विभिन्न पदों पर रिक्ति के बाद सबका चयन भी हो चुका है। 33 लैब टेक्नीशियन के चयन के बाद सिर्फ नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया बाकी है। हाई कोर्ट द्वारा नियुक्ति पत्र देने के आदेश के बाद भी रिम्स प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग ने मामले को लटका रखा है।

मुस्तैदी से कर रहे हैं ड्यूटी

कोरोनो को लेकर रिम्स में इन टेक्नीशियनों से ताबड़तोड़ ड्यूटी ली जा रही हैं। स्क्रीनिंग से लेकर जांच के अन्य माध्यमों में भी इन सभी की सक्रियता अधिक है। इन स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि सालों से काम कर रहे हैं। हमारा वेतन महज 7800 रुपए है। रिक्त पदों पर चयन होने के बाद भी प्रबंधन द्वारा लटका कर रखा गया है। जबकि अभी रिम्स में इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

नहीं दिया गया है पीपीई किट

इधर, कोरोना के पहले मरीज को रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में रखा गया है। बावजूद यहां के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ समेत लैब, ओटी टेक्नीशियन व अन्य कर्मचारियों को पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराया गया है। इससे भी स्वास्थ्यकर्मियों में रोष है। जानकारी के अनुसार पीपीई किट नहीं मिलने पर जूनियर डॉक्टर भी कार्य बहिष्कार कर सकते हैं।

अधीक्षक ने दो दिन पहले ये कहा था

दो दिन पहले रिम्स अधीक्षक डॉ। विवेक कश्यप ने कहा था सभी संसाधनों के साथ पीपीई किट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जैसे ही राज्य में कोई भी पॉजिटिव मामला आएगा वैसे ही सभी कर्मचारियों व डॉक्टरों को किट उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।