- डीएम के निर्देशन में तैयार किया गया फुलप्रूफ प्लान
-आकस्मिक स्थिति से निपटने को तैयार रहेगा प्रशासन
Meerut। प्रदेश में सांप्रदायिक दृष्टिकोण से मेरठ सर्वाधिक संवेदनशील है। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस -प्रशासन ने शहर क्षेत्र में दंगा नियंत्रण के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है, जिसमें पुलिस सूचना मिलने पर महज 10 से 15 मिनट में ही दंगाइयों से निपटने को तैयार रहेगी।
रिहर्सल करेंगे अधिकारी
डीएम अनिल ढींगरा की अगुवाई में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की भागेदारी से संयुक्त दंगा नियंत्रण योजना तैयार की गई है। अधिकारियों को निर्देश हैं कि वह अपने तैनाती क्षेत्र में समय-समय पर रिहर्सल करेंगे।
ऐसा बना प्लान
- डीएम के निर्देशों के मुताबिक ऐसी व्यवस्था बहाल करें कि आपात स्थिति में कम्युनिकेशन गैप न रहे।
- आकस्मिक स्थिति में एक स्पॉट पर जोनल और सेक्टर अधिकारी दंगा नियंत्रण के लिए आवश्यक सामग्री को एकत्र कर सकें।
- सभी जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट संबंधित पुलिस जोन प्रभारी से समन्वय स्थापित कर संवेदनशील बिंदुओं पर सर्तकता बरतें।
- संवेदनशील 10 थाना क्षेत्रों में एक-एक सुपर जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती
- यह सिटी मजिस्ट्रेट और अपर सिटी मजिस्ट्रेट स्तर के अफसर हैं।
- पुलिस उपाधीक्षक स्तर का जोनल पुलिस अधिकारी एक थाने पर तैनात किया गया है।
- क्लास वन के एक प्रशासनिक अधिकारी को जोनल मजिस्ट्रेट बनाया गया है।
- जोन प्रभारी इंस्पेक्टर रैंक का पुलिस अफसर होगा।
- एक जोन को 3 सेक्टर में बांटा गया है
- हर सेक्टर में एक क्लास-2 अधिकारी की तैनाती की गई है।
- एक थानाक्षेत्र में 3-5 मुख्यालय बनाए गए हैं।
- आकस्मिक स्थिति में अधिकारी अपने प्वांइट और मुख्यालय पर रिपोर्ट कर सकेंगे।
यह हैं संवेदनशील थाने
थानाक्षेत्र जोन सेक्टर
लिसाड़ी गेट 5 15
कोतवाली 3 9
देहलीगेट 2 6
ब्रह्मापुरी 4 12
टीपी नगर 2 2
रेलवे रोड 2 6
सदर बाजार 1 4
लालकुर्ती 1 4
सिविल लाइंस 2 6
नौचंदी 2 6
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मेरठ शहर सीमा के अंतर्गत 10 थाना क्षेत्रों के लिए दंगा नियंत्रण स्कीम बनाई गई है। इसमें पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को जोनल और सेक्टरवार तैनाती दी गई है। सभी अधिकारियों को हर सप्ताह संबंधित क्षेत्र में भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लेने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी, मेरठ