विकास प्रस्तावों के साथ शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रस्ताव हैं शामिल

21 करोड़ के विकास कार्र्यो पर शासन की बाट जोह रहा जिला प्रशासन

Meerut। गड्ढा मुक्त सड़कों का प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा मेरठ में दम तोड़ रहा है। शहरभर में टूटी सड़कों से गुजरने को जनता मजबूर है, वहीं आए दिन हादसे हो रहे हैं। एक ओर शासन खुद सड़क निर्माण के प्रस्ताव एमडीए को भेजता है जिसपर प्राधिकरण जब धनराशि की मांग करता है तो टालमटोल शुरू हो जाती है। आवास एवं शहरी विकास विभाग में मेरठ में सड़कों के निर्माण के 21.34 करोड़ रुपए की लागत के प्रस्ताव धूल फांक रहे हैं।

20 निर्माण कार्य के प्रस्ताव बनाए थे गत दिनों

21.34 करोड़ रुपये के बनाए गए हैं प्रस्ताव

शासन की ओर से सड़क निर्माण के इन प्रस्तावों पर कुछ क्वेरी तलब की गई है

शासन ने पूछा है कि विभिन्न सड़कों से संबंधित विभागों की एनओसी मिली या नहीं

शासन ने प्रस्तावों के संबंध में विस्तृत ब्योरा भी एमडीए से तलब किया है

यह हैं प्रमुख प्रस्ताव

गंगानगर के ब्लाक में स्थित जोनल पार्क में 4.68 करोड़ से थीम पार्क का निर्माण

2.26 करोड़ की लागत से वेदव्यासपुरी आवासीय योजना में सड़कों का निर्माण

1.70 करोड़ की लागत से लोहियानगर में उधम सिंह चौक से पानी प्लांट के नाले तक सड़क निर्माण कार्य

1.65 करोड़ की लागत से डूंगरावली से महरौली तक सड़क का निर्माण

1.21 करोड़ की लागत से मेजर ध्यानचंद्र नगर में सड़कों निर्माण कार्य और टूटफूट को दुरस्त करना

1.15 करोड़ रुपये की लागत से मेवला फ्लाईओवर से नूर नगर तक होना था सड़क निर्माण

30 लाख की लागत से दिल्ली रोड रिठानी से कुष्ठ आश्रम तक की सड़क।

बोर्ड के निर्देश के बाद एमडीए ने 20 सड़क एवं ट्रैफिक थीम पार्क के निर्माण के 21 करोड़ रुपए के प्रस्तावों के संबंध में शासन को रिमांइडर भेज दिया है। शासन की ओर धनराशि जारी होते ही सड़क निर्माण और विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

प्रवीना अग्रवाल, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण