कानपुर। 14 सितंबर 1963 को त्रिनिदाद में जन्में राॅबिन सिंह ने भारत के लिए करीब 12 साल तक क्रिकेट खेला। राॅबिन को बचपन से ही क्रिेकट का शौक था मगर उन्हें टीम इंडिया में इंट्री मिल जाएगी, यह किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल राॅबिन भारत में पढ़ाई करने आए थे यहां उन्हें क्रिकेट सीखना शुरु कर दिया और साल दर साल बेहतर होते गए फिर साल 1989 में अपनी जन्मभूमि पर ही इंटरनेशनल डेब्यू किया। राॅबिन ने पहला वनडे मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला था हालांकि डेब्यू मैच को वो यादगार नहीं बना पाए और बल्ले से जहां मात्र 3 रन बनाए वहीं गेंदबाजी में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला।

दो मैच खेलकर हुए टीम से बाहर
राॅबिन सिंह को क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनाने में काफी वक्त लगा। शुरुआती दो वनडे खेलने के बाद राॅबिन टीम इंडिया से बाहर हो गए। ये दोनों मैच राॅबिन ने वेस्टइंडीज में ही उन्हीं के खिलाफ खेले थे। दो मैचों में राॅबिन के बल्ले से कुल 13 रन निकले। ऐसे में उनकी टीम इंडिया में जगह नहीं बन पाई और बाहर होना पड़ा।

सात साल बाद की वापसी

राॅबिन के करियर का सबसे बड़ा पड़ाव साल 1996 रहा। जब सात साल बाद उनके पास टीम इंडिया में खेलने के लिए काॅल आया। 1996 से लेकर 2001 तक राॅबिन भारतीय वनडे टीम के नियमित खिलाड़ी बने रहे। इस दौरान राॅबिन ने कुल 136 मैच खेले जिसमें 25.95 की एवरेज से 2336 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और 9 अर्धशतक निकले।


एकमात्र शतक लगाया, वो भी श्रीलंका के खिलाफ
राॅबिन सिंह के नाम इंटरनेशनल क्रिेकट में सिर्फ एक शतक दर्ज है। राॅबिन ने ये सेंचुरी साल 1997 में श्रीलंका के खिलाफ उन्हीं के घर पर बनाई थी। इस मैच में जहां सचिन 27 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे तब राॅबिन ने तीसरे नंबर पर आकर 100 रन बनाए, जोकि उनके करियर का एकमात्र शतक है।

भारत के लिए खेला सिर्फ एक टेस्ट

फर्स्ट क्लाॅस मैचों में करीब सात हजार रन बनाने वाले राॅबिन सिंह ने भारत के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला। ये मैच 1998 में जिंबाब्वे के खिलाफ हरारे में खेला गया था जिसमें राॅबिन ने दो पारियों में कुल 27 रन बनाए।

रिटायरमेंट के बाद संभाली कोच की जिम्मेदारी
राॅबिन भारत की अंडर 19 टीम कोच भी रहे हैं। यही नहीं साल 2004 में वह हांगकांग क्रिकेट टीम के कोच बने थे। इन्हीं की कोचिंग में हांगकांग टीम 2004 एशिया कप के लिए क्वाॅलीफाई कर पाई थी। इसके बाद 2006 में राॅबिन को भारत ए टीम का कोच नियुक्त किया गया। जहां वह गौतम गंभीर और राॅबिन उथप्पा जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग देते थे। यही नहीं 2007 से 2009 तक राॅबिन टीम इंडिया के फील्डिंग कोच भी रहे हैं। वहीं आईपीएल की बात करें तो 2008 में राॅबिन को डेक्कन चार्जर्स का कोच बनाया गया मगर कुछ खास नहीं कर पाए। 2011 में राॅबिन को मुंबई इंडियंस का बैटिंग कोच बनाया गया और टीम चैंपियंस लीग टी-20 की विजेता बनी। यही नहीं 2014 में राॅबिन ने कैरेबियाई प्रीमियर लीग में बाराबडोस त्रिनिडेंट्स को कोचिंग दी और टीम ने खिताब जीता। यही नहीं राॅबिन यूएसए की सीनियर और जूनियर क्रिकेट टीम को भी कोचिंग दे चुके हैं। हालांकि राॅबिन ने टीम इंडिया के हेड कोच के लिए भी आवेदन किया था मगर अंत में बाजी रवि शास्त्री ने मारी।

 

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