घरेलू मैदान पर लगातार 12 जीत दर्ज

घरेलू मैदान पर लगातार 12 मैच जीतकर सवाई मान सिंह स्टेडियम को अभेद्य किले में तब्दील कर चुकी राजस्थान रॉयल्स को शुक्रवार को चैंपियंस लीग के पहले सेमीफाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स के रूप में अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना होगा। आइपीएल की ये धुरंधर दो टीमें जब आपस में टकराएंगी तो दर्शकों को रोमांचक मुकाबले की सौगात मिलने की गारंटी रहेगी।

चेन्नई का प्रर्दशन खराब

राजस्थान रॉयल्स लगातार चार मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची है, जबकि अंतिम चार में पहुंचने वाली पहली टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को बुधवार रात त्रिनिदाद और टोबैगो ने हराया। पूर्व चैंपियन चेन्नई को बखूबी पता है कि राजस्थान ने पिछले आइपीएल में इस मैदान पर एक भी मैच नहीं गंवाया और मौजूदा टूर्नामेंट में भी यह सिलसिला कायम है। राजस्थान के कप्तान राहुल द्रविड़ भी जानते हैं कि महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई वाली चेन्नई के रूप में उनके सामने अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्हें इसके मुताबिक रणनीति बनानी होगी।       

कम आंकना होगी भूल

त्रिनिदाद और टोबैगो से मिली हार के बावजूद चेन्नई को कम करके आंकना भूल होगी जिसके पास गेंदबाजी और बल्लेबाजी में जबरदस्त गहराई है। धौनी के रूप में उनके पास चमत्कारी कप्तान भी है जिसने हैदराबाद सनराइजर्स के खिलाफ 19 गेंद में 63 रन बनाए थे। सुरेश रैना और माइकल हसी के अलावा मुरली विजय भी जोरदार फॉर्म में हैं। रवींद्र जडेजा अभी तक चिर परिचित रंग में नहीं दिखे हैं, लेकिन वह मैच विनर खिलाड़ी हैं और विपक्षी टीम उन्हें अनदेखा नहीं कर सकती है। एस बद्रीनाथ, ड्वेन ब्रावो और आर अश्विन बल्लेबाजी को गहराई देते हैं।  

बड़े सितारों की कमी

दूसरी ओर राजस्थान के पास भले ही बड़े सितारे नहीं हों, लेकिन खिलाडिय़ों को अपनी भूमिका बखूबी पता है। द्रविड़, शेन वॉटसन और ब्रैड हॉज के रूप में उनके पास अनुभवी खिलाड़ी हैं, जबकि अजिंक्य रहाणे, संजू सैमसन, केवोन कूपर और अशोक मेनारिया जैसे युवाओं ने भी अपनी उपयोगिता साबित की है। गेंदबाजी में विक्रमजीत मलिक, राहुल शुक्ला और प्रवीण तांबे सरप्राइज पैकेज साबित हुए हैं।

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