सचिन ने इस ऐतिहासिक मैदान पर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 17 साल की उम्र में चार जनवरी 1991 को खेला था और अब वह अपनी विदाई सिरीज़ का पहला टेस्ट इसी मैदान पर खेल रहे हैं.

सचिन और ईडन के इस दशकों पुराने नाते की दुहाई देते हुए बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने मास्टर ब्लास्टर के विदाई टेस्ट की मेज़बानी मांगी थी लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सचिन की इच्छा का सम्मान करते हुए यह मौक़ा उनके घरेलू मैदान वानखेड़े को दिया.

कोलकाता के क्रिकेटप्रेमियों के दिलोदिमाग़ पर 1993 के हीरो कप के सेमीफ़ाइनल और 1999 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट की यादें हमेशा के लिए चस्पा हैं.

हीरो कप से सेमीफ़ाइनल में दक्षिण अफ़्रीक़ा को अंतिम ओवर में जीत के लिए मात्र छह रन की दरकार थी.  कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने गेंद सचिन को थमाई.

जब गेंद से दिखाया कमाल

दो दशक से भी पुराना है सचिन का ईडेन से रिश्ताईडन गार्डन और सचिन का दशकों पुराना नाता है.

सचिन ने इस ओवर में मात्र तीन रन देकर भारत को दो रन से ऐतिहासिक जीत दिलाई थी.

साल 1999 में  पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट के दौरान सचिन के दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से रन आउट होने के बाद कोलकाता के दर्शक आपे से बाहर हो गए. उन्हें शांत करने के लिए ख़ुद सचिन ने मैदान का चक्कर लगाया. तब कहीं जाकर मैच पूरा हो पाया.

सचिन ने इस मैदान पर सर्वाधिक 12 टेस्ट खेले हैं जिसमें उन्होंने दो शतक और छह अर्द्धशतक लगाए हैं. सचिन को ईडन पर अपना पहला शतक बनाने के लिए 11 साल इंतज़ार करना पड़ा था.

मास्टर ब्लास्टर ने 2002 में ईडन पर वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 176 रन बनाए थे. सचिन ने इस मैदान पर 12 टेस्टों में 47.88 के औसत से 862 रन बनाए हैं.

सचिन वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेलने के लिए ईडन में उतरेंगे तो उनके नाम किसी एक मैदान पर सर्वाधिक मैच खेलने का भारतीय रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा.

बल्लेबाज़ी के कई रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले सचिन ने अभी तक किसी भी मैदान पर 1000 रन नहीं बना पाए हैं. लेकिन इस सिरीज़ में उनके पास यह उपलब्धि हासिल करने का भी मौका रहेगा.

क्रिकेट के भगवान को अंतिम बार ईडन में खेलते देखने के लिए कोलकाता के खेलप्रेमियों में ग़ज़ब का उत्साह है. हर कोई इस पल का गवाह बनना चाहता है.

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