SARAIKELA: सरायकेला जेल ब्रेक कांड के आरोपित बबलु बागती को सरायकेला पुलिस ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से गिरफ्तार कर न्यायलय में प्रस्तुत किया जहां से उसे जेल भेजा गया। पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने पत्रकारों को बताया कि 17 अगस्त 2011 को सरायकेला मंडल कारा में पिस्तौल की नोक पर कारापाल योगेंद्र पासवान एवं कक्षपाल को बंदी बनाकर दो नक्सली समेत छह अपराधकर्मी भग गए थे। बलराम साहु उर्फ डेविड ने कारापाल को बात करने के लिए उनके कार्यालय कक्ष में ले गया और पिस्तौल की नोक पर कारापाल व कक्षपाल को बंदी बनाकर छह बंदी भाग गए थे। मंडलकारा के पास पर वाहन खड़ी थी जिसपर सभी भाग गए थे। जेल तोड़कर भागने वाले में बलराम साहु उर्फ डेविड, सोमरा हांसदा, रवि सिंह मुंडा, गणेश प्रमाणिक, राखाल कांडेयांग एवं बबलू बागती शामिल थे।

नौ के खिलाफ प्राथमिकी

इस कांड में कारापाल एवं दो कक्षपाल समेत नौ आरेपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। कारापाल एवं कक्षपाल को निलंबित कर दिया गया था। जेल तोड़कर भागने के एक आरोपित रवि सिंह मुंडा गिरफतारी के क्रम में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया जिसमें एक जवान भी शहीद हुआ था। अन्य चार आरोपितों की गिरफ्तारी हो गई थी जबकि बबलु बागती फरार चल रहा था। सरायकेला पुलिस ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से बबलु को गिरफ्तार किया। पिछले सात वर्षों से वह शहर में किराए के मकान में नाम बदलकर रह रहा था। उसने अंबिकापुर में रहने के दौरान पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम का आधार कार्ड भी तैयार कर लिया था। पुख्ता सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।

पुख्ता जानकारी ली

अंबिकापुर के तकिया रोड में किराए के मकान में पत्नी व दो बच्चों के साथ निवास करने की पुख्ता सूचना गांधीनगर पुलिस को मिली थी। गांधीनगर थाना प्रभारी राहुल तिवारी के साथ पुलिस टीम ने जेल ब्रेक कांड के फरार आरोपित बबलू बागची के संबंध में पुख्ता जानकारी तैयार की। वहां की पुलिस से समन्वय स्थापित किया और यह जब स्पष्ट हो गया कि अंबिकापुर में दीपक तिवारी पिता मिथिलेश तिवारी के नाम से निवास कर रहा व्यक्ति ही जेल ब्रेक कांड का आरोपित बबलू बागची है तो पूरी तैयारी के साथ गुरुवार की सुबह पुलिस ने उसे तकिया रोड स्थित किराए के मकान से धर-दबोचा। पूछताछ में उसने नाम बदलकर अंबिकापुर में निवास करने और वाहन चालक के रूप में कार्य करने की जानकारी पुलिस को दी।

लूट, डकैती का वांटेड है आरोपित

बबलू बागची उर्फ दीपक तिवारी लूट व डकैती कांड का वांटेड है। इन्हीं प्रकरणों में उसे गिरफ्तार कर सरायकेला जेल में निरुद्घ किया गया था। जेल से फरार होने के बाद एक और प्रकरण थाने में दर्ज है। उसके खिलाफ फरारी में ही न्यायालय में चालान पेश किया गया था। इसके साथ फरार होने वाले अपराधियों में एक-दो नक्सली भी थे।

छह आरोपित हुए थे फरार

17 अगस्त 2011 को झारखंड के सरायकेला स्थित जेल से छह आरोपित फरार हुए थे। वहां की पुलिस ने फरार एक आरोपित को एनकाउंटर में मार गिराया था। एक आरोपित बाद में पकड़ा गया था। चार आरोपित फरार होने में सफल हो गए थे। सभी सरायकेला व आसपास के जिले के शातिर अपराधी थे और सुनियोजित तरीके से जेल ब्रेक की घटना को अंजाम दिया था।

प्रेमिका को लेकर भाग गया था मुंबई

सरायकेला जेल से फरार होने के बाद बबलू बागची उर्फ दीपक तिवारी प्रेमिका को लेकर मुंबई भाग गया था। एक- वर्ष तक वह मुंबई में ही रहा। वहीं, उसने प्रेमिका के साथ शादी कर ली थी। लगभग सात वर्ष से वह अंबिकापुर में निवास कर रहा था। शुरू में उसने मायापुर में किराए का मकान लिया था। पिछले एक वर्ष से तकिया रोड में किराए का मकान लेकर पत्नीच्व दो बच्चों के साथ निवास कर रहा है। मकान मालिक को उसने एक महीने का भी किराया नहीं दिया है। मकान मालिक को वह यह जानकारी देता रहा कि म¨हद्रा कंपनी की छोटे वाहनों के परिवहन में लगी ट्रकों पर ड्राइवर का काम करता था।

बनवा लिया फर्जी आधार कार्ड

पुलिस के मुताबिक अंबिकापुर में पहचान छिपाने उसने फर्जी आधार कार्ड भी तैयार करा लिया था। खुद का नाम परिवर्तित कर उसने दीपक तिवारी कर लिया था और पिता का नाम मिथिलेश तिवारी बताया था। इसी नाम से बने फर्जी आधार कार्ड में उसने खुद को महामाया वार्ड का निवासी बताया था। जांच में पता चला है कि मिथिलेश, गिरफ्तार आरोपित के चाचा का नाम है। गिरफ्तार आरोपित बबलू बागची के पिता की मौत हो चुकी है।