बगैर डोनर ब्लड मिलन आसान नहीं

सिटी में डोनर की कमी, ब्लड की क्राइसिस

>RANCHI: खून किसी की जान ले सकता है, तो किसी की जिंदगी बचा भी सकता है। ऐसे में लोगों को रक्तपात की बजाय रक्त दान करना चाहिए, ताकि किसी की जान बच सके। व‌र्ल्ड ब्लड डोनर डे पर आई नेक्स्ट ने ऐसे ही लोगों की परेशानियों की पड़ताल की। पेश है कहां और कैसे ब्लड मिलेगा इस पर विशेष रिपोर्ट।

सिटी में नौ ब्लड बैंक

राजधानी की बात करें, तो यहां गवर्नमेंट और प्राइवेट कुल मिला कर नौ ब्लड बैंक्स हैं। जहां से पूरी सिटी में जरूरतमंद लोगों को ब्लड की सप्लाई हो रही है। दोनों ही सेक्टर के ब्लड बैंक्स में डोनर्स की अवेलिबिलिटी के अनुसार ब्लड को प्रिजर्व किया जाता है। लेकिन हाल के दिनों में डोनर्स की संख्या में आई कमी की वजह से सिटी में ब्लड की क्राइसिस हो गई है।

ये हैं ब्लड बैंक्स

रिम्स ब्लड बैंक-गवर्नमेंट

बिरसा ब्लड बैंक-प्राइवेट

झारखंड ब्लड बैंक-प्राइवेट

आर्ची ब्लड बैंक-प्राइवेट

गुरुनानक हॉस्पिटल-यूनिट

प्लांट हॉस्पिटल-गवर्नमेंट अंडरटेकिंग

रेड क्रास सोसायटी-गवर्नमेंट

सेवेंथ एडवेंटिस्ट-मिशन

सीसीएल गांधीनगर-गवर्नमेंट

नागरमल मोदी सेवा सदन-यूनिट

बैंकों में ब्लड की कमी

सिटी के ब्लड बैंकों की स्थिति के बारे में बात की जाए, तो सरकारी और प्राइवेट दोनों ही बैंकों से लोगों को ब्लड की सप्लाई हो रही है। चूंकि बैंकों में ब्लड की कमी होने से किसी एक ब्लड बैंक पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। इसका एक बड़ा कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। इस वजह से सिटी के बैंकों में यूनिट की कमी हो गई है। इससे लोगों को डोनर का इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि, डोनर के रहने पर मरीज को ब्लड आसानी से मिल जाता है।

रेगुलर सप्लाई को लगता है कैंप

इन ब्लड बैंकों से ब्लड की रेगुलर सप्लाई के लिए ब्लड डोनेट करने के बाद ही ब्लड सप्लाई की व्यवस्था है। हालांकि इमरजेंसी में बिना ब्लड डोनेट किए भी लोगों को बैंकों से ब्लड दे दिया जाता है। लेकिन ब्लड बैंकों में रेगुलर डोनर्स की व्यवस्था नहीं है। चूंकि जब भी कहीं कैंप लगाया जाता है तो ये लोग ब्लड डोनेट कर देते है। इस कारण हॉस्पिटल में ये लोग अवेलेवल नहीं हो पाते है।

ब्लड प्रिजर्व करने को है फ्रीज

ब्लड बैंकों में कलेक्ट ब्लड को स्टोर और प्रिजर्व करने के लिए फ्रीज लगाए गए हैं। इसमें ग्रुप के हिसाब से ब्लड को स्टोर करने की व्यवस्था की गई है। अकेले रिम्स में एक बार में क्ख् सौ यूनिट ब्लड स्टोर किया जा सकता है। इसके अलावा सिटी के अन्य बैंकों में भी स्टोरेज की व्यवस्था है

अवेलेवल हैं ब्लड के कंपोनेंट्स

इन बैंकों में ब्लड कंपोनेंट्स भी अवेलेवल है। इसमें ब्लड प्लेटलेट्स, प्लाजमा आदि का यूज कर ब्लड को सप्लाई योग्य बनाया जाता है। कंपोनेंट्स के अवेलेवल होने से ब्लड को तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता। ग्रुप के अनुसार ब्लड तैयार कर लिया जाता है।