समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, किसी ज़माने में कांग्रेस से नज़दीक रखने वाले अकबर का कहना है कि वे अपनी नीतियों की वजह से राजनीति में वापस आए हैं और देश को बेहतरी की राह पर लाने के लिए काम करेंगे.

भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद अकबर ने कहा, ''मैं राजनीति में नीति के लिये वापस आया हूं. देश के सामने जो संकट है, वह सबको पता है. ये एक मौक़ा है, जब हम अपने देश के लिये थोड़ा-बहुत योगदान दे सकते हैं.''

अकबर की राजनीति में यह पहली पारी नहीं है. इससे पहले वे बिहार में किशनगंज सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. वे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नज़दीकी भी थे.

बाड़मेर पर अड़े जसवंत

उधर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह बाड़मेर से लोकसभा चुनाव लड़ने के अपने फ़ैसले से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं.

पार्टी ने जसवंत सिंह की जगह बाग़ी कांग्रेसी सोनाराम चौधरी को बाड़मेर से टिकट दिया है.

जसवंत सिंह ने मीडिया से कहा कि वे रविवार को बाड़मेर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आगे की योजना के बारे में कुछ नहीं बताया.

उन्होंने कहा, ''मैं बाड़मेर जाकर अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करूंगा और फिर सब कुछ तय किया जाएगा.''

जसवंत सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में संविधान के ख़िलाफ़ फ़ैसले लिए जा रहे हैं.

जसवंत सिंह अभी दार्जिलिंग से सांसद हैं और पार्टी में उन्हें आडवाणी का नज़दीकी माना जाता है.

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