बाज़ार की तेज़ी में आईटी और फ़ार्म क्षेत्र के शेयरों का सबसे अधिक योगदान रहा.

इससे पहले बाज़ार ने 2008 में 21,206 अंकों की रिकार्ड ऊंचाई को छुआ था. हालांकि इसके तुरंत बाद अमरीका में आए सब प्राइम संकट के चलते भारतीय बाज़ारों में भी तेज़ गिरावट देखने को मिली थी.

कुछ महीनों पहले रुपए में भारी गिरावट और अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता के चलते बाज़ार में नकारात्मक रुख़ बना हुआ था, लेकिन शेयर बाज़ार ने सभी अनुमानों को ग़लत साबित करते हुए ज़ोरदार तेज़ी दिखाई.

बाज़ार में जश्न-ए-बहारा

सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सर्वोच्च शिखर पर शेयर बाज़ारशुरुआती कारोबार के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी ख़रीदारी का माहौल देखने को मिला और निफ्टी 6332 अंकों के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया.

इस दौरान संस्थागत विदेशी निवेशकों ने बाज़ार में भारी लिवाली की और माना जा रहा है कि बाज़ार में मौजूदा तेज़ी की सबसे बड़ी वजह भी वही हैं.

हाल में रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बाज़ार की उम्मीदों के अनुरूप रेपो दर में 0.25 फ़ीसद की वृद्धि और एमएसएफ़ में कमी की थी.

केन्द्रीय बैंक के इस फ़ैसले से बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में भारी उछाल देखने को मिला.

अमरीका से सकारात्मक संकेत

विदेशी मोर्चे पर अमरीका में फ़ेडरल रिज़र्व की ओर से प्रोत्साहन पैकेज जारी रखने के संकेतों ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया.

माना जा रहा है कि इस योजना के तहत फ़ेडरल रिज़र्व की ओर से जारी किए जा रहे डॉलर भारत जैसे उभरते बाज़ारों में निवेश किए जाएंगे.

इसके साथ ही त्योहारी माहौल में घरेलू बाज़ार में तेज़ी के चलते बाज़ार को अतिरिक्त समर्थन मिला है.

शुरुआती कारोबार के दौरान हीरो मोटर्स, एसबीआई, कोल इंडिया और टाटा स्टील के शेयरों में तेज़ी देखने को मिली.

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