मुंबई (पीटीआई)। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 163.11 अंक या 0.27 प्रतिशत तेजी के साथ 60,048.47 अंक के स्तर पर पहुंच कर बंद हुआ। इसी तहर एनएसई निफ्टी 30.25 अंक या 0.17 प्रतिशत उछाल के साथ रिकाॅर्ड 17,853.20 अंक के स्तर पर पहुंच कर बंद हुआ। पिछले 31 वर्षों के दौरान सेंसेक्स 1000 रुपये से बढ़ कर 60,000 के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया। 25 जुलाई, 1990 को सेंसेक्स 1,000 अंक के स्तर पर थे। यहां से 25 वर्षों बाद 4 मार्च, 2015 को सेंसेक्स 30,000 अंकों के स्तर पर पहुंच गया। अंततः छह वर्ष के छोटे से अंतराल के बाद ही 30,000 अंक के स्तर से 60,000 अंक के स्तर पर पहुंच गया।

सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स टाॅप गेनर

बीएसई के एमडी तथा सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि सेंसेक्स के 60,000 पहुंचना भारतीय विकास क्षमता को दर्शाता है। साथ ही कोविड-19 के दौरान दुनिया में लीडर के तौर पर उभार को भी बताता है। भारत विश्व शक्ति के तौर पर वित्तीय नीतियों को अपना रहा है, जिसे वर्ल्ड में विस्तार मिल रहा है। सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स टाॅप गेनर रहा। इसके शेयर में तकरीबन 4 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। इसके बाद एमएंडएम, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, मारुति तथा इनफोसिस के शेयर तेजी के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी ओर सेंसेक्स में शामिल टाटा स्टील, एसबीआई, एक्सिस बैंक, आईटीसी, एनटीपीसी तथा बजाज फाइनेंस बिकवाली के दबाव में टूट कर नुकसान में बंद हुए।

कच्चा तेल 77.43 डाॅलर प्रति बैरल

कोटक सिक्योरिटीज में रीटेल इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशकों के समर्थन से बाजार में शेयरों की खरीद में तेजी देखने को मिली। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों के आकर्षण ने भी बाजार को उपर की ओर खींचा। एशिया में शंघाई, सियोल तथा हांगकांग के शेयर बाजारों में कारोबार नुकसान के साथ बंद हुए। वहीं टोक्यो के शेयर बाजारों में कारोबार लाभ के साथ बंद हुए। यूरोपीय शेयर बाजारों में मिड सेशन सौदे निगेटिव नोट के साथ किए गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सौदा 0.23 प्रतिशत तेजी के साथ 77.43 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर किया गया।

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