दलदल से कभी छुटकारा नहीं मिल पाता

पकड़ी गई लड़कियों की मां बनकर तो कभी बड़ी बहन बनकर उसे छुड़ा लिया जाता है और इन लड़कियों को उस दलदल से कभी छुटकारा नहीं मिल पाता। पुलिस का डर दिखाकर उन्हें हमेशा कब्जे में रखा जाता है।

खोजने की जरूरत नहीं

पुलिस ने कई बार ऐसी लड़कियों को ब्यूटी पार्लर, रेस्टोरेंट और साइबर कैफे से पकड़ा है। इनको छोडऩे के लिए उनके रिश्तेदारों की जरूरत होती है। इस धंधे को करवाने वाले गिरोह के लोग सब मैनेज रखते हैं। एक सोर्स की मानें तो पहले से मां और बहन तय होती है। अगर पकड़ी गई तो अपना पहचान पत्र लेकर पहुंच जाना है। पुलिस एक कागज पर लिखवाती है और पहचान पत्र के मिलाने के बाद छोड़ देती है। कोई लोकल स्तर पर जाकर वेरिफिकेशन नहीं करता।

पहचान पत्र तो बनते हैं भाई

नकली पहचान पत्र बनवाने में कितना टाइम लगता है। कौन चेक करता है। देखकर ही सारा काम चल जाता है। इस धंधे से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि हर लड़कियों का उसके हिसाब से पहचान पत्र बनवाया जाता है। असली हो तब भी नकली का ही यूज किया जाता है। क्योंकि रिश्तेदार का नाम भी मैच करना चाहिए।

मजबूरी में छोड़ा जा रहा

इस धंधे में कई लड़कियां ऐसी होती हैं जो पकड़ी जाने के बाद इस दलदल से निकलना चाहती हैं। उन्हें रखने के लिए कोई जगह नहीं है। वे स्टे होम में जाना भी नहीं चाहती। जहां भेजा जाता है वहां इतनी जगह भी नहीं होती कि उन्हें वहां रखा जा सके। इस मजबूरी में इन लड़कियों को उनके रिश्तेदारों के साथ भेजने के अलावा कोई चारा नहीं होता।

मजिस्ट्रेट के पास नहीं होतीं पेश

पिछले कुछ महीनों से जितने भी सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ उसमें पकड़ी गई लड़कियों को मजिस्ट्रेट के यहां प्रोड्यूस भी नहीं किया गया है। इन मामलों को देख रही एक महिला ऑफिसर ने बताया कि वे लोग सीनियर ऑफिसर के आदेश पर इन लड़कियों को छोड़ रही हैं। पहले इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता था, लेकिन अब नहीं किया जा रहा है। इसका कारण भी वही मजबूरी है कि इन लोगों को भेजे तो कहां। कोई व्यवस्था नहीं है।

नहीं जाना चाहती हैं स्टे होम

पिछले दिनों सेक्स रैकेट में पकड़ी गई एक लड़की ने जब महिला पुलिस ऑफिसर को कहा कि जेल भेज दीजिए मगर एनजीओ वाले स्टे होम नहीं। यह सुनकर वह चौक पड़ी। उसने कहा कि बेल करवा लेंगे, लेकिन स्टे होम से निकलने के लिए पांच हजार रुपए देन की मेरी औकात नहीं। इस खुलासे के बाद आगे बताने की जरूरत नहीं कि इन लड़कियों को हर किसी के शोषण का शिकार होना पड़ता है।