- ऑर्थोकॉन 2020 के दूसरे दिन ऑर्थो एक्सप‌र्ट्स ने दी जानकारी

LUCKNOW: हमारी बदली लाइफस्टाइल ही बीमारियों को दावत दे रही है। ऑफिस में घंटों कंप्यूटर के सामने बैठना, गड्ढे वाली रोड पर गाड़ी चलाने से हड्डी की समस्याएं बढ़ रही हैं। हालांकि अब कई ऐसे इंप्लांट्स आ गए हैं, जो मरीज को इन समस्याओं से छुटकारा दिला देते हैं। यह जानकारी ऑर्थोकॉन 2020 के दूसरे दिन शनिवार को आये ऑर्थो एक्सप‌र्ट्स ने दी।

लाइफस्टाइल दे रही कमर दर्द

लाइफस्टाइल, खराब डायट और एक्सरसाइज की कमी से लोगों में कमर दर्द, गर्दन में दर्द आदि बीमारियां हो रही हैं। गढ्ढे वाली सड़क पर गाड़ी चलाने से लोगों की स्पाइन पर बुरा असर पड़ता है। वहीं कंप्यूटर चलाने के दौरान ध्यान रखें कि 15 डिग्री से ज्यादा नहीं झुकना चाहिए। आई लेवल आपकी स्क्रीन की एक-तिहाई से ज्यादा नीचे नहीं हो। सिर ऊपर होने से आंखों पर जोर कम पड़ता है। ऊपर या नीचे ज्यादा देखने से आंखों पर स्ट्रेस अधिक होता है। ऐसे में लोगों में बैक प्राब्लम और आई प्राब्लम होती है।

डॉ। जमाल अशरफ

स्लिप डिस्क की आशंका ज्यादा

जिम जाने वालों को एक्सरसाइज के दौरान विशेष सर्तकता रखनी चाहिए। जिम करने के बॉयोलॉजिकल एडवांटेज तो बहुत हैं लेकिन इसके नुकसान भी उतने ही हैं। आप बिना किसी सपोर्ट के वजन उठाते हैं तो स्लिप डिस्क का आशंका ज्यादा होती है। इसके साथ गलत एक्सरसाइज भी आपकी कमर और गर्दन पर बुरा असर डाल सकती है। ऐसे में बिना एक्सपर्ट की देखरेख के खुद कोई एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।

डॉ। संतोष राजपाल

यूथ में कंधे की चोट की ज्यादा

आजकल यूथ में कंधे की हड्डी में चोट की समस्या ज्यादा हो गई है। रोड एक्सिडेंट की वजह से यूथ में कंधा टूटने की समस्या भी बढ़ी है। हालांकि अब कई ऐसी एडवांस प्लेट व नेल आदि आ गये हैं जो आपरेशन के दौरान लगाने से लोगाें को काफी फायदा मिलता है। इसकी मदद से मरीज में जल्द मोबिलिटी होने लगती है। इसका खर्च भी 60-70 हजार के आसपास ही होता है।

डॉ। विपिन त्यागी

कैल्शियम की कमी खतरनाक

जन्म के समय बच्चों का पैर टेढ़ा होना, पीठ में कूबड़ जैसा निकलना या चलते-चलते अचानक घुटने का मुड़ जाना देखा जाता है। इसका कारण अनुवांशिक या कैल्शियम की कमी हो सकता है। अगर कैल्शियम की कमी से प्राब्लम है तो केवल दवा ही दी जा सकती है। वहीं यह अनुवांशिक है तो ऑपरेशन या प्लास्टर करके इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन कितना ठीक होगा इसके बारे में ज्यादा नहीं कहा जा सकता है। समय से इसका पता चले तो यह समस्या क्यूरेबल है।

डॉ। अजय सिंह