कुछ ऐसी है आपबीती
शंघाई की एक महिला को जब अपने व्हाइट कॉलर वर्कर पति सू के इंटरनेट पर चल रहे सीक्रेट रोमांस के बारे में पता चला, तो वह दंग रह गई। बाद में उसने पाया कि उसका पति न सिर्फ डेटिंग वेबसाइट्स पर नजर रखता है, बल्कि अपनी कई गर्लफ्रेंड्स के साथ कई सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के जरिए संपर्क में भी है। इनमें से कई रिलेशनशिप्स तो ऐसे भी हैं, जो इस जोड़े की शादी से पहले की यानी 10 साल से भी ज्यादा पुराने थे। इनकी पत्नी ने बताया कि उनका एक बच्चा है, इसलिए वह तलाक लेने के बारे में नहीं सोच रही हैं। वहीं उनका रिश्ता मर चुका है।

मनोवैज्ञानिकों का ये है कहना
बीजिंग के एक मनोवैज्ञानिक यू कुन ने इस बारे में बताया कि जितने भी एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर्स से जुड़े मामले उनके पास आते हैं, उनमें से लगभग आधे मामले ऐसे होते हैं, जिनके इस तरह के रिश्तों ने इंटरनेट से ही जन्म लिया और उसी पर बढ़े। वहीं इस मामले पर ज्यादातर एक्सपर्ट्स का ये मानना है कि सोशल मीडिया का सिर्फ उन्हीं रिश्तों पर बुरा असर होता है, जो पहले से ही टूटने के कगार पर होते हैं। ऑल चाइना वूमन्स फेडरेशन के अनुसार आने वाले एक रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक्सपर्ट चेन यीयुन ने बताया कि सोशल मीडिया ऐप्स एक पहले से ही टूटने की राह पर पहुंची हुई शादी को तोड़ने में मददगार हो सकते हैं।

सोशल नेटवर्किंग साइट्स नहीं हैं इसकी जिम्मेदार
www.workercn.com पर कमेंट करते हुए हैन जनमैई ने बताया कि सोशल मीडिया तलाक का मुख्य कारण कभी नहीं बन सकता। उन्होंने बताया कि शादीशुदा जोड़ों के बीच आपसी तालमेल की कमी इसका कारण होते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स शादी तोड़ने की इस संभावना को सिर्फ बढ़ाते हैं। तलाक की दर में इजाफा होने के पीछे सिर्फ सोशल मीडिया ही जिम्म्ोदार नहीं है। बल्कि युवाओं का उनकी शादी को लेकर नजरिया लगातार बढ़ता जा रहा है। ये भी इनके संबंधों में दरार का एक बड़ा कारण हो सकता है। सोशल मीडिया नहीं है बल्कि युवाओं का शादी को लेकर नजरिया बदला है, यह भी एक कारण है। मैरिज कंसल्टेंट सू जिन के मुताबिक, पहले लोग तलाक लेने को शर्मनाक मानते थे। लोग आजकल अपनी शादी में क्वॉलिटी चाहते हैं। वे अपनी खुशियों के आगे सामाजिक नियमों को तोड़ने के लिए पूरी तरह से इच्छुक रहते हैं।

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