-शासन के आदेश पर कमजोर स्टूडेंट्स के ज्ञान वर्धन के लिए शुरू हुई अनोखी पहल

-इंग्लिश, मैथ्स और साइंस की फ्री ऑफ कास्ट कोचिंग की सुविधा

GORAKHPUR:

पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट्स को सरकार फ्री में कोचिंग पढ़ाएगी। इसके लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत रेमेडियल कोचिंग की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार चयनित स्टूडेंट्स को फ्री में इंग्लिश, मैथ्स और साइंस कोचिंग पढ़ाएगी। हालांकि यह सुविधा केवल अभी सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को मिलेगा।

14 से 18 वर्ष के स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ

माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, मंडल के सभी डीआईओएस को लेटर लिखा गया है कि इसके माध्यम से उन्होंने शासन की मंशा से अवगत कराया है। शासन का मकसद है कि राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन मुहैया कराना है। सरकार ने 14 से 18 वर्ष के सभी स्टूडेंट्स के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत रेमेडियल कोचिंग शुरू की है। सरकार ने इस योजना के लिए सभी डीआईओएस से स्टूडेंट्स का चयन करने का आदेश्ा दिया है।

तीन सब्जेक्ट की होगी पढ़ाई

डीआईओएस आफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रेमेडियल कोचिंग में स्टूडेंट्स को साइंस, मैथ्स और इंग्लिश को पढ़ाई होगी। कोचिंग में 15 जुलाई से 30 अक्टूबर तक 45 वर्किग डे में पढ़ाई होगी। कोचिंग के लिए टीचर्स की तैनाती की जाएगी। जो फिक्स डेट पर स्टूडेंट्स को सुबह आठ बजे तक पढ़ाएंगे।

औचक होगा निरीक्षण

चयनित टीचर्स को शासन तीन चरणों में ट्रेनिंग कराएगी। ताकि टीचर लर्निग मैटेरियल के माध्यम से स्टूडेंट्स को बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सके। डीआईओएस द्वारा समय-समय पर रेमेडियल कोचिंग का औचक निरीक्षण किया जाएगा। कोचिंग में कभी मिलने या लापरवाही बरते जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जिले भर में विद्यालयों की संख्या

1- सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज - 117

2- राजकीय इंटर कॉलेज - 19

3- वित्त विहीन विद्यालय - 290

कक्षा 6 से 8वीं तक विद्यार्थियों की संख्या - 2.56 लाख

कक्षा 9 से 12वीं तक विद्यार्थियों की संख्या - 3.25 लाख

माध्यमिक स्कूलों की संख्या

जिले भर में माध्यमिक स्कूलों की संख्या - 425

माध्यमिक स्कूलों में कक्षा 9 से 12वीं तक स्टूडेंट्स - 3,60,000

वर्जन

विद्यालयों में कोचिंग पढ़ाया जाएगा, इससे कमजोर स्टूडेंट्स को भी अच्छा प्लेटफार्म मिल सकेगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है।

ओमदत्त सिंह, एडीआईओएस