आगरा। आगरा से लखनऊ तक के सफर में करीब एक घंटे का इजाफा हो गया है। यात्री रोडवेज की बसों को अब बेलगाड़ी तक कहने लगे हैं। आए दिन यात्रियों और चालक परिचालकों के बीच में विवाद की शिकायतें आ रही हैं। निकट भविष्य में रोडवेज की बसों में सफर करने वालों की संख्या में कमी भय भी सताने लगा है।

इस लिए बढ़ गया समय

यमुना एक्सप्रेसवे पर झरना नाले में अनियंत्रित होकर जनरथ की बस गिर गई थी, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे का कारण नींद और ओवर स्पीड बताया गया था। योगी सरकार ने स्पीड पर कंट्रोल के लिए फरमान जारी किया था। हालांकि अब जो बसें आ रही हैं, उनमें पहले से ही स्पीड गवर्नर लगा हुआ आ रहा है। जो पुरानी बसें हैं, उनमें स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगाई गई है। एसएम एसपी सिंह ने बताया कि आगरा की जिन रोडवेज की बसों में स्पीड गवर्नर नहीं लगा था, उन सभी में स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगाई गई है। अब ड्राइवर स्पीड के मामले में मनमानी नहीं कर सकते हैं।

सवारी करतीं हैं शिकायत

स्पीड कंट्रोल होने के बाद बढ़े समय को लेकर यात्री परेशान हैं। स्टेशन प्रभारी आईएसबीटी चंद्रहंस ने बताया कि यात्री शिकायत करने लगे हैं। लेकिन इसमें कुछ हो नहीं सकता है। प्रदेश सरकार की व्यवस्था के अनुसार ही विभाग काम कर रहा है। ताकि फिर से कोई हादसा न हो सके।

16 मिल चुके हैं ब्रेथ एनालाइजर

परिवहन निगम ने आगरा क्षेत्र को 16 ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध करा दिए हैं। इनका प्रयोग कैसे किया जाए, इसके लिए चेकिंग दल को कंपनी के इंजीनियर ईदगाह पर ट्रेनिंग दे रहे हैं। अब शराब पीकर बस चलाने वाले चालक बच नहीं पाएंगे। चेकिंग दल शराब पीकर चलने वाले चालकों को कहीं पर भी दबोच लेगा।