क्या है जानकारी
वहीं इससे पहले एसआईटी के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस चंद्रेश भूषण ने इस बाबत बताया था कि जबलपुर हाईकोर्ट की ओर से जो निर्देश मिले हैं, उस पर बेहद सख्ती के साथ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस मामले में पूरी तरह से छानबीन के बाद राज्यपाल या मंत्री जो भी दोषी पाए जायेंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एसआईटी ने मांगी थी अनुमति
बताते चलें कि एसआईटी की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट को रिपोर्ट भेजकर अतिविशिष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुमति मांगी गई थी. इसपर हाईकोर्ट ने 20 फरवरी को इस रिपोर्ट पर सुनवाई कर दी है. एसआईटी को कार्रवाई करने की अनुमति दे दी गई है. गौरतलब है कि इस पूरे मामले में प्रथम दृष्टया राज्यपाल राम नरेश यादव का नाम फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है.

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