- अफसरों के ढुलमुल रवैये पर मृतक के परिजनों ने लखनऊ सुनाई फरियाद

-पुलिस पर भरोसा नहीं, उच्च स्तरीय जांच की मांग

फीरोजाबाद: हवालात में छात्र की मौत के बाद आरोपियों पुलिसर्किमयों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई लखनऊ से आए एक उच्चाधिकारी और सपा दिग्गज के फोन पर की गई। इससे पहले तक अधिकारी मुकदमा दर्ज कराके पुराने मामलों की इस घटना को भी ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास कर रहे थे। यह देख मृतक के रिश्तेदारों ने शासन में बैठे आला अफसरों तक अपनी फरियाद पहुंचाई।

शनिवार को दिन भर अस्पताल में हंगामे के बाद शाम को जब एसपी ने पुलिसर्किमयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया तो परिजनों और ग्रामीणों को लगा कि अब आरोपी निलंबित भी होंगे। इस पर परिजन देर रात शव लेकर गांव पहुंच लेकिन पुलिसकर्मी निलंबित नहीं हुए। तब उन्होंने अपने सैफई निवासी रिश्तेदारों से बात कर उनको अवगत कराया। बताया जाता है कि इसके बाद ही रविवार सुबह जब लखनऊ से फोन खड़खड़ाए तब पुलिस अधिकारी हरकत में आए। फिर आनन फानन पांचों पुलिसर्किमयों को निलंबित किया गया। रविवार दोपहर अंत्येष्टि के बाद साहूमई पहुंची मृतक की चचेरी बहन रेखा यादव ने और भाई विपिन यादव ने बगैर अधिकारियों से बात करे अंतिम संस्कार पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ग्रामीणों से पूछा आखिर किसके आदेश पर अंतिम संस्कार हुआ। इस पर मृतक के ताऊ पदम सिंह ने कहा कि उनकी प्रो। रामगोपाल यादव से फोन पर वार्ता हुई थी। उनके आश्वासन के बाद ही अंत्येष्टि की गई है। इस पर मृतक की चचेरी बहन बिगड़ गई और कहा कि हमारी नेताजी से बात हो रही थी, तो इतनी जल्दी क्या पड़ गई। उन्होंने कहा कि जब हमारी लखनऊ सचिवालय के ओएसडी अर¨वद से वार्ता चल रही थी। ओएसडी साहब ने ही आइजी दुर्गाचरण मिश्र से फोन पर वार्ता की, उसके बाद ही जनपद पुलिस सक्रिय हुई। रेखा यादव ने कहा अब उन्हें जनपद पुलिस पर विश्वास नहीं रहा है। इस मामले की जांच सीबीसीआइडी से कराई जाए। पवन हत्याकांड सुनियोजित साजिश है। इसमें कई लोग शामिल हैं। उनके नाम उजागर होने चाहिए।

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मृतक के भाई का ससुर है मुख्य आरोपी

मृतक के परिजनों ने बताया कि पूरे प्रकरण का मुख्य आरोपी पवन के बड़े भाई किरन का ससुर सुभाष यादव निवासी मुस्तफाबाद है। उनका आरोप है कि सुभाष जो वर्तमान में फरिहा में होमगार्ड के पद पर तैनात है। उसने परिवार को प्रताड़ति करने के लिए ही पवन का अपहरण किया था और उसे नारखी थाने में सौंप दिया। उसके कहने पर ही थाने में उसकी

पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने सुभाष यादव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की।

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साहूमई में नहीं सुलगे चूल्हे-

शनिवार सुबह से ही साहूमई में पवन की मौत के खबर के बाद से सन्नाटा पसर गया। शाम को जब शव गांव पहुंचा तो महिलाओं की चीख पुकार की आवाजें सन्नाटे को चीरती हुई दिखीं। शव के पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ पवन के दरवाजे के बाहर एकत्रित हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट होकर अंत्येष्टि से इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने शव को वर्फ पर रख दिया और उसके चारों तरफ महिला, पुरुष एकत्रित होकर बैठ गए। शव के गांव में रखे होने के कारण गांव में किसी घर में चूल्हा नहीं जला। जिससे छोटे बच्चे भूख से तड़फते रहे। शनिवार की रात ग्रामीण जागते रहे। अधिकारियों और नेताओं का भी आना-जाना लगा रहा, जिससे पूरा गांव रात में जागा। सुबह तक कोई हल न निकलने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और जाम लगा दिया। दोपहर में आरोपी पांचों पुलिस र्किमयों के निलंबन के बाद ही अंतिम संस्कार हुआ। तब जाकर ग्रामीण अपने घरों को लौटे।