सब्‍जी बेचती थी अब खोल लिया अस्‍पताल

कम उम्र में ही शादी:

पश्चिम बंगाल की रहने वाली सुभाषिनी की गुड़ियों से खेलने वाली उम्र में ही शादी हो गई थी। 12 साल की उम्र में कंधों पर जिम्मेदारियां आने से वह बिल्कुल नहीं घबराई, बल्कि उनको अच्छे से निभाने का प्रयास किया। ऐसे अचानक से 23 साल की उम्र में सुभाषिनी के पति की उपचार के अभाव में मौत हो गई थी।

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बेहतर उपचार मिल सके:
आज 65 साल की हो चुकी सुभाषिनी को उस समय गहरा दुख हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने आप से प्रण किया कि वह अब किसी को भी उपचार के अभाव में न मरने देंगी। इसके लिए वह एक अस्पताल बनवाएंगी, जहां पर लोगों को कम पैसों में बेहतर उपचार मिल सके। जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत शुरू कर दी।

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बेटे को अनाथालय भेजा:
आखों में पल रहे अस्पताल बनवाने के सपने की वजह से सुभाषिनी ने सबसे पहले अपने बेटे को अनाथालय भेज दिया। इसके बाद हर तरह से पैसे जुटाने की कोशिश की। उन्होंने लोगों के घरों में बर्तन तक धोए। इतना ही नहीं जूते पॉलिश के साथ दिहाड़ी मजदूरी तक किया। इसके अलावा लंबे समय तक सब्जी भी बेची।

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हॉस्पिटल का शिलान्यास:

इसके बाद 5 फरवरी 1995 को एक सुभाषिनी की मेहनत से ह्यूमेनिटी हॉस्पिटल का शिलान्यास हुआ। यहां पर पर छोटी-छोटी बीमारियों के लिए 10 रुपये और सर्जरी के लिए बस 5 हजार तक रुपये लिए जाते है। सबसे खास बात तो यह है कि आज सुभाषिनी का बेटा अजय डॉक्टर बन इस अस्पताल में चंदा देता है।

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