पटनायक की टीम मंदिर बनाने में जुटी

लकड़ी से बने विशाल रथों पर भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं के दर्शन के अलावा श्रद्धालुओं को इस उत्सव के दौरान रेत से बने मंदिरों की झलक देखने को भी मिलेगी। प्रख्यात रेत कलाकार पटनायक ने बताया कि मेरे संस्थान के 25 छात्रों और मैंने शुक्रवार से 100 रथों पर काम करना शुरू कर दिया है। छह जुलाई को शुरू होने वाली रथ यात्रा के दो दिन पहले कल दोपहर तक काम पूरा हो जाएगा। उनकी टीम 50 से ज्यादा रथ पहले ही तैयार कर चुकी है।

विश्व रिकॉर्ड बनाने की ओर पटनायक

सुदर्शन पटनायक ने कहा कि वह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के एडिटर की तरफ से हमें आधिकारिक अनुमति मिली है। उनके निर्देश के मुताबिक हमने यह काम शुरू किया है। हर साल रथ यात्रा से संबंधित रेत कलाकृति बनाने वाले पटनायक ने कहा कि हमे उम्मीद है कि इस साल रेत से बनी कलाकृतियों देखने कई पर्यटक आएंगे। रेत की आकृतियों को बारिश से बचाने के लिए उनके ऊपर एक टेंट की भी व्यवस्था की गई है। पटनायक ने हाल ही में बुल्गारिया और मॉस्को में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप्स में गोल्ड मेडल जीते थे।

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