तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु (एएनआई)। दो वर्षीय बालक का शव तीन दिन के लंबे संघर्ष के बाद मंगलवार की तड़के बोरवेल से निकाला गया। बच्चे का पार्थिव शरीर आज सुबह दाह संस्कार के लिए पुदुआर लाया गया। जोथिमानी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि सरकार और अन्य अधिकारियों ने बचाव प्रक्रिया के दौरान पूरी मदद की। पुलिस, फायर टेंडर, एनडीआरएफ बचाव प्रक्रिया में शामिल थे। कुछ बचाव कार्य बहुत देर से हुए क्योंकि उन्हें समय पर सूचित नहीं किया गया था।

परिवार का दुख शब्दों में नहीं हो सकता व्यक्त

बहुत प्रयास करने के बावजूद बच्चे को एक या दो कमियों की वजह से जीवित नहीं बचाया जा सका। हमें इसका बेहद दुख है। उन्होंने कहा कि इस दुख को वे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते, जो परिवार ने पिछले चार दिनों में झेले हैं। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी क्योंकि वे उनके बच्चे को जीवित वापस देने में असमर्थ थे। जोथिमनी ने कहा कि बचाव दलों, मंत्रियों और अन्य अधिकारियों सहित बहुत से लोगों ने बहुत सारे प्रयास किए लेकिन कहीं न कहीं योजना में कमी रहने की वजह से बच्चे को जीवित नहीं बचाया जा सका।

ऐसी घटनाएं रोकने को विकसित हो प्रणाली

जोथिमनी ने कहा कि हम समय पर भी निर्णय नहीं ले सके। देश भर के लोगों ने सुजीत के सुरक्षित बाहर बच निकलने के लिए प्रार्थना की थी। उन्होंने अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहित हर कोई बचाव अभियान के लिए समान रूप से जिम्मेदार है। अब हमें यह सोचना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाना चाहिए। हमें उसी के लिए एक प्रणाली विकसित करनी होगी। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव जे राधाकृष्णन ने पहले कहा था कि सुजीत का शव बोरवेल के अंदर अत्यधिक विघटित अवस्था में था।

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