नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मुद्दे पर देश भर के विभिन्न हाई कोर्ट के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर लिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने केंद्र से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाखिल करने को कहा और निर्देश दिया कि मार्च में सभी याचिकाओं को लिस्ट किया जाएगा। पीठ ने कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता, यदि अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से बहस करने के लिए उपलब्ध नहीं है, तो वर्चुअल प्लेटफॉर्म की सुविधा का लाभ उठा सकता है। कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं के वकीलों से इस मुद्दे पर यदि कोई मिसाल हो या कानून हो तो उस पर एक लिखित नोट दाखिल करने और इसे अपने और अदालत के बीच साझा करने को कहा।

ट्रांसफर करने की याचिका पर आज सुनवाई

पीठ ने केंद्र के वकील से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता छूटने न पाए। कई याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने पीठ को बताया कि वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर एक आधिकारिक घोषणा के लिए सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर ले और केंद्र सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना जवाब दाखिल कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने तीन जनवरी को कहा था कि वह समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के लिए हाई कोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की याचिका पर छह जनवरी को सुनवाई करेगी।

लंबित याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को केंद्र से दो याचिकाओं पर जवाब मांगा था जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी ताकि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के निर्देश दिए जा सकें। इससे पहले पिछले साल 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दो समलैंगिक जोड़ों द्वारा शादी के अपने अधिकार को लागू करने और विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी को पंजीकृत करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग वाली अलग-अलग याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

National News inextlive from India News Desk