ऐसी है जानकारी
इस पूरे मामले के बीच ये भी बात चर्चा में है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच में आने से अब सरकार इस मामले में बुरी तरह से अड़ गई है। अभी फिलहाल पुणे में छात्रों का धरना जारी है। इस धरने को अब तक 87 दिन हो चुके हैं। वहीं अब इस संस्थान के एक अध्यापक ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। धीरे-धीरे करके एक-एक के बगावती तेवर सामने आ रहे हैं।  

खास रिपोर्ट में किया गया ऐसा दावा
एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात का दावा किया गया है कि सरकार ने दो महीने पहले ही गजेंद्र चौहान को किनारे लगाने का पक्का इरादा कर लिया था। इतना ही नहीं निर्देशक राजू हिरानी को संस्थान की जिम्मेदारी देने का फैसला भी कर लिया गया था। इसके बाद सबकुछ पलट गया। राहुल गांधी के पुणे दौरे के बाद जब आंदोलन और भी ज्यादा तेज हो गया, तो इसको देखते हुए सरकार ने भी रुख को और सख्त कर लिया।
 
जब आंदोलनकारी छात्र पहुंचे दिल्ली
गौरतलब है कि पुणे के आंदोलनकारी छात्रों का एक जत्था दिल्ली पहुंचा। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें इस बात की जानकारी दी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छात्र भी इस पर राजी हो गए थे। वहीं उसी दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पुणे एफटीआईआई के दौरे पर पहुंचे और आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन किया। इसके बाद प्रदर्शन और भी ज्यादा तेज हो गया। इसके बाद दिल्ली से पुणे लौटने के बाद छात्रों ने सरकार के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया।

Hindi News from India News Desk

 

National News inextlive from India News Desk