भारत के सर्वोच्च अदालत ने गुरूवार को गाइड लाइन जारी करते हुए सभी राज्यों को तीन महीने के अंदर  तेज़ाब एवं अन्य हानिकारक पदार्थों की खुदरा बिक्री का नियमन करने के लिए कहा है.

अदालत ने तेज़ाब की शिकार महिलाओं को तीन लाख रूपए मुआवज़ा देने के आदेश दिए हैं. इसमें से एक लाख का मुआवज़ा राज्य सरकार को घटना के पन्द्रह दिन के अंदर देना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र, राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों से तेज़ाब से हमले को ग़ैर-ज़मानती अपराध बनाने के लिए कहा है.

अदालत के आदेशानुसार 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तेज़ाब नहीं बेचा जा सकेगा.

इसके अलावा अदालत के फ़ैसले के बाद अब तेज़ाब ख़रीदने के लिए फ़ोटो पहचान पत्र ज़रूरी होगा. साथ ही साथ विक्रेता को ख़रीदार का पता भी रखना होगा.

ग़ैर-क़ानूनी ढंग से तेज़ाब बेचने वाले पर 50,000 जुर्माना लगाया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तेज़ाब की बिक्री से जुड़े दिशानिर्देशों के बारे में लोगों को जागरुक करने की ज़रूरत है.

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