छात्राओं ने खुद स्वीकारा है
एमआईटी की ओर से किए गए एक सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है. सर्वे के दौरान पांच फीसदी छात्राओं ने बताया कि कैंपस में उनका रेप किया गया है. वहीं, पांच में से एक छात्रा ने अपने साथ अनचाहे शारीरिक संबंधों की बात को भी स्वीकार किया है. इन सबके बावजूद और भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से आधी से भी कम छात्राएं ही ऐसी हैं जिन्होंने अपने खिलाफ हो रहे इस अपराध के प्रति आवाज को बुलंद किया है. इन्होंने इस अपराध के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.  

क्या है एमआईटी प्रेसिडेंट का कहना
एमआईटी के इस सर्वे में हिस्सा लेने वाली छात्राओं में से 539 छात्राओं ने इस बात को कबूल किया है कि उनके साथ किसी न किसी तरह का यौन शोषण हुआ है. इसको लेकर एमआईटी प्रेसिडेंट राफेल रीफ ने सर्वे के आधार पर ईमेल से बताया है कि यौन शोषण की घटनाओं से उनके संस्थान के मूल्यों का बड़े स्तर पर उल्लंघन हुआ है और यहां इसकी कोई जगह नहीं है.

यौन अपराधों को सार्वजनिक करने वाला पहला संस्थान
गौरतलब है कि एमआईटी ने अपने सभी स्टूडेंट्स से यौन शोषण से संबंधित सर्वे में बेझिझक होकर हिस्सा लेने की अपील की थी. इसके साथ ही यह भी गौर करने वाली बात है कि यह अमेरिका का पहला शिक्षण संस्थान है, जिसने कैंपस में हुए यौन अपराधों की जानकारी को खुले तौर पर सार्वजनिक किया है.

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