एडिलेड (पीटीआई)। बांग्लादेश के विकेटकीपर-बल्लेबाज नुरुल हसन ने भारतीय बल्‍लेबाज विराट कोहली पर "फेक फील्डिंग" करने का आरोप लगाया है। इस मुकाबले में बांग्‍लादेश को पांच रन से हार का सामना करना पड़ा। अंत में नुरुल ने अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश की। मगर वह पांच रन से चूक गए। हार के बाद नुरुल ने फेक फील्डिंग का मुद्दा उठाया और मैदानी अंपायरों की आलोचना की। नुरुल ने मैच के बाद कहा, "निश्चित रूप से, गीले आउटफील्ड का असर दिखा मगर एक नकली थ्रो भी था जिससे हमें पांच रन मिल सकते थे, लेकिन हमें वह भी नहीं मिला।" नुरुल ने अंपायर क्रिस ब्राउन और मरैस इरास्मस पर इस घटना को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

क्‍या थी पूरी घटना
नुरुल जिस घटना का जिक्र कर रहे थे वह सातवें ओवर में हुई। एक वीडियो रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि अर्शदीप ने गेंद को डीप से फेंका और कोहली ने बीच में ऐसा दिखावा किया जैसे वह इसे नॉन-स्ट्राइकर के छोर पर रिले थ्रो कर रहे हों। रिले थ्रो वह होता है जिसमें बाउंड्री लाइन पर खड़ा फील्‍डर थ्रो फेंकता और पिच के पास मौजूद दूसरा फील्‍डर उसे पकड़कर स्‍टंप पर निशाना साधता है। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान बल्‍लेबाजों ने विराट के एक्‍शन पर ध्‍यान नहीं दिया ऐसे में बाद में वीडियो क्लिप देखकर सवाल उठाना, नुरुल की खेल भावना पर सवाल खड़ा करता है।

क्‍या कहता है नियम
आईसीसी के नियम 41.5 के मुताबिक फील्डिंग टीम अगर बल्‍लेबाज की रनिंग में बाधा डालने, या ध्‍यान भटकाने का काम करती है। यदि अंपायर को लगता है कि किसी ने नियम का उल्लंघन किया है, तो वह इसे डेड बॉल कह सकता है और पांच पेनल्टी रन दे सकता है। जबकि नूरुल ने कोहली पर फेक फील्डिंग का जो आरोप लगाया, उन्होंने नियम में "धोखे" शब्द को शामिल नहीं किया। न तो शांतो और न ही लिटन कोहली की ओर देख रहे थे, और इसलिए, यहां धोखा होने का सवाल नहीं उठता। इसके विपरीत, एक संभावना है कि मैच अधिकारियों की आलोचना करने के लिए नूरुल पर प्रतिबंध जरूर लगाया जा सकता है।

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