यह आंकड़ा कंपनी के लिए क़रीब पांच गुना ज़्यादा है, जिसके वेस्ट मिडलैंड्स और मर्सीसाइड में प्लांट भी मौजूद हैं.

टाटा की इस कार के तेज़ी से बढ़ रहे बाज़ार इस वक़्त अमरीका, जर्मनी और भारत हैं.

रिकॉर्डतोड़ बिक्री के ये ताज़ा आंकड़े उस वक़्त आए हैं जब वाहनों के बाज़ार में फिर से अच्छे दिन लौटने की उम्मीदें बढ़ी हैं. इसके पीछे ब्रिटेन और दूसरे कई अहम बाज़ारों में अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है.

लैंड रोवर ब्रैंड ने पिछले साल साढ़े तीन लाख कारें बेचीं जो जगुआर लैंड रोवर की कुल बिक्री का 80 फ़ीसदी तक है.

स्टाफ़ में बढ़ोतरी

जगुआर ने 2013 में अमरीका, भारत और जर्मनी में बिकीं लग्ज़री कारों की बिक्री में 42 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा दर्ज किया.

दुनियाभर में रिकॉर्डतोड़ बिकी टाटा की जगुआर

तेज़ी से बढ़ी मांग पूरी करने के लिए जगुआर लैंड रोवर क़रीब दो हज़ार अतिरिक्त लोगों की भर्ती कर रहा है जिसके बाद अकेले ब्रिटेन में उसका कुल स्टाफ़ 26 हज़ार हो जाएगा.

यूनाइट यूनियन के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी टोनी बर्क ने बताया, ‘’जगुआर लैंडर रोवर निर्माण की एक कामयाब कहानी है. कंपनी 2008 से पहले काफ़ी गंभीर समस्याओं से घिरी थी लेकिन यूनाइट में और कंपनी में मौजूद हमारे लोगों ने साथ काम किया और जेएलआर की किस्मत बदल दी.’’

मंदी के दौरान जगुआर लैंड रोवर कंपनी के भारतीय मालिकों यानी टाटा ने ब्रिटिश सरकार से वित्तीय मदद की मांग की थी.

दुनियाभर में कारों की बिक्री में आई तेज़ी का लाभ फ़ॉक्सवैगन को भी मिला, जिसने पिछले हफ़्ते घोषणा की थी कि उसके लग्ज़री ब्रैंड्स- पोर्शे, ऑडी और बैंटले ने 2013 में रिकॉर्ड बिक्री की. और इसके पीछे भारत और चीन जैसे बाज़ारों में आला दर्जे की कारों की मांग बढ़ना था.

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