कंपनी अव्वल पाई गई

टाटा स्टील ने कल प्रधानमंत्री ट्राफी जीतने की जानकारी दी है। कंपनी का कहना है कि उसका नाम आठवीं बार इस ट्राफी के लिए घोषित हुआ हैं। इस विजेता ट्राफी के लिए जजों के पैनल ने कई आधारों पर इसकी जांच की। जिसमें क्षमता उपयोग, संचालनों की दक्षता, वित्तीय प्रदर्शन, उत्पाद स्तर, पर्यावरण प्रबंधन, कॉरपोरेट एवं सामाजिक दायित्व, सुरक्षा, अनुसंधान एवं विकास पर जोर आदि के आधार पर यह खरी उतरी। इसके अलवा ग्राहक संतुष्टि, क्षमताजनक मापदंड, कर्मचारी संतुष्टि सूचकांक में यह कंपनी अव्वल पाई गई। इसके बाद जजों के पैनल ने इसे प्रधानमंत्री ट्रॉफी का असली हकदार बताया। जिसके बाद उसे 2013-14 के लिए ट्रॉफी का विजेता होने का ऐलान किया गया।

कंपनियों को बढा़वा देना

बतातें चलें कि टाटा स्टील को सर्टिफिकेट फॉर एक्सलेंस दो बार और स्टील मिनिस्टर्स ट्रॉफी एक बार प्राप्त हो चुका है। भारत में काफी समय पहले प्रधानमंत्री ट्राफी योजना की शुरूआत हुई थी। 1992-93 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इसका सुझाव दिया था। जिसके बाद देश में प्रधानमंत्री ट्रॉफी देने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य इस्पात कंपनियों को बढा़वा देना था। जिसमें ऑपरेशन में दक्षता, उत्पादन स्तर और खर्च में कटौती में अंतराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचने का लक्ष्य तय देखा जाता है। इसके अलावा देश में समेकित इस्पात संयंत्रों के बीच प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए यह पुस्कार दिया जाता है।

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