विरोध-प्रदर्शनों के नौवें दिन आम हड़ताल की अपील को देखते हुए कुछ स्कूलों और विश्वविद्यलयों को बंद कर दिया गया है.

रविवार को सरकारी इमारत में घुसने का प्रयास करने वाले प् रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और पानी की बौछार की थी.

राजनीतिक उथल-पुथल

साल 2010 के बाद से शुरू हुए इस बड़े राजनीतिक उथल-पुथल में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है.

प्रदर्शनकारी  प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावाट को हटाने की मांग कर रहे हैं, इसे लोगों की ओर से किया गया तख्तापलट बताते हुए उन्होंने रविवार को विजय दिवस मनाने की घोषण की थी.

"प्रदर्शनकारियों की संख्या अब पहले के मुक़ाबले घट रही है. कुछ हार्ड कोर प्रदर्शनकारी अभी भी बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन वे अपने प्रयास में सफल होते नहीं दिख रहे हैं"

-बैंकाक में मौज़ूद संवाददाता

सुरक्षा बलों के साथ झड़पों के बाद भी प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों पर कब्ज़ा करने और यिंगलक चिनावाट को उनके पद से हटा पाने में नाकाम रहे हैं.

संवाददाताओं का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की संख्या अब पहले के मुक़ाबले घट रही है. हालांकि कुछ हार्ड कोर प्रदर्शनकारी अभी भी बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वे अपने प्रयास में सफल होते नहीं दिख रहे हैं.

स्कूल-कॉलेज बंद

थाईलैंड: प्रदर्शनकारियों पर छोड़े आंसू गैस के गोले

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ सरकार के मुख्यालय के बाहर जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया तो उनके ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए.

समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़ सुरक्षा कारणों से बैंकाक के 60 स्कूलों और संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख कार्यालय को बंद कर दिया गया है.

पिछले हफ़्ते के अंत में जब प्रदर्शनों की शुरुआत हुई, उसकी तुलना में अब प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो गया है.

प्रदर्शनकारी अपने नेता के बयान का प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए एक टीवी चैनल के दफ्तर में घुस गए. वे बैंकाक के एक पुलिस कांप्लेक्स में भी घुस गए जहाँ  यिंगलक इंटरव्यू देने वाली थीं.

रविवार को विपक्ष के एक नेता सुथेप ने कहा था कि उन्होंने यिंगलक से मुलाक़ात कर उन्हें इस्तीफ़ा देने के लिए दो दिन का समय दिया है.

सामान्य कामकाज

थाईलैंड: प्रदर्शनकारियों पर छोड़े आंसू गैस के गोले

सुथेप ने सरकारी अधिकारियों से कहा है कि वे थाकसिन सरकार के लिए काम करना बंद कर दें और सोमवार को प्रदर्शन के लिए सामने आएं.

हालांकि समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ सरकारी कार्यालय सोमवार को भी खुले हैं और कई सरकारी अधिकारी सामान्य दिनों की तरह कामकाज के लिए जा रहे हैं.

बैंकाक के एक अख़बार बैंकाक पोस्ट के मुताबिक़ कई और शॉपिंग माल फिर से खुल गए हैं.

साल 2010 के बाद से यह देश में सबसे बड़ा प्रदर्शन है, जब लाल शर्ट पहने थाकसिन के समर्थकों ने राजधानी के प्रमुख जगहों पर कब्ज़ा कर लिया था. क़रीब दो महीने तक चले विरोध-प्रदर्शनों में 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

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