तहलका पत्रिका में एक महिला पत्रकार के साथ संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल के कथित यौन दुर्व्यवहार के मामले में पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने कहा है कि उन्हें 'इस मामले में सही ढंग से क़दम उठाने के लिए कुछ समय चाहिए'.

साथ ही उनका कहना था कि वह पीड़िता के साथ संपर्क में हैं.

वहीं बीबीसी हिंदी से बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य निर्मला सावंत ने कहा है कि आयोग ने मामले में ख़ुद ही कार्रवाई करने का फ़ैसला किया है.

इससे पहले तरुण तेजपाल ने कथित यौन दुर्व्यवहार के बाद पद से छह महीने के लिए हटने का फ़ैसला किया था. साथ ही उन्होंने इसके लिए उस सहकर्मी से माफ़ी माँगने की भी बात कही है.

मगर पीड़ित लड़की के एक क़रीबी व्यक्ति ने कहा है कि लड़की के साथ गंभीर दुर्व्यवहार हुआ है.

उनके अनुसार, "लड़की के ये कहने के बावजूद कि वह उनकी बेटी की उम्र की है ये लगातार हुआ...वह कहती रही कि 'प्लीज़ ऐसा नहीं करो'... उनकी 'न' को नहीं माना गया...ये एक बार हुआ और अगले दिन फिर हुआ."

जबकि तेजपाल की ओर से कहा गया कि जो भी हुआ और जो भी शिकायत की गई उससे 'सम्मानजनक तरीक़े से निबटा गया'.

इसके बाद शोमा चौधरी जब गुरुवार दोपहर तहलका के दफ़्तर जा रही थीं तो बाहर ही उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "जो मुद्दे उठाए गए हैं मैं उन पर सही ढंग से प्रतिक्रिया देना चाहूँगी. मैं पारदर्शिता की ज़रूरत समझती हूँ मगर मुझे सही ढंग से क़दम उठाने के लिए समय चाहिए."

चौधरी के मुताबिक़, "ये मुश्किल समय है मगर सभी सवालों के जवाब दूँगी, लेकिन मुझे प्राथमिकता तय करने के लिए समय दीजिए. मैं उस (पीड़िता) के साथ संपर्क में हूँ, मगर मुझे समय दीजिए."

तेजपाल का बयान

तहलका यौन शोषण मामला: शुरुआती जाँच के आदेशपीड़ित महिला के एक दोस्त ने कहा कि युवती के बार-बार मना करने पर भी उसकी बात नहीं सुनी गई.

ये मामला तहलका पत्रिका के इसी महीने  गोवा में हुए एक कार्यक्रम के दौरान हुआ है जिसमें दुनिया भर से बड़ी हस्तियां पहुंची थीं.

महिला आयोग की सदस्य निर्मला सावंत ने कहा है, "हम इस बात से हैरान हैं कि जिस व्यक्ति ने अपने सहकर्मी के साथ यौन दुर्व्यवहार की घटना को स्वीकार किया है वह ख़ुद को सज़ा देने का भी निर्णय ले रहा है, वह ख़ुद कैसे अपने अपराधों का फैसला दे सकता है?"

तरुण तेजपाल ने कहा है, “एक बुरे फ़ैसले, परिस्थिति को ठीक से न समझ पाने की वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. जो हमारे सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है. मैंने पहले ही बगैर किसी शर्त के संबंधित पत्रकार से अपने दुर्व्यवहार के लिए माफ़ी मांग ली है, लेकिन और प्रायश्चित करना चाहिए.”

तेजपाल ने पत्र में कहा है, “मुझे लगता है कि प्रायश्चित सिर्फ़ शब्दों से नहीं हो सकता...इसलिए मैं तहलका के संपादक पद से हटने की पेशकश कर रहा हूं...अगले छह महीने के लिए.”

पीड़ित के क़रीबी व्यक्ति ने मांग की है कि तहलका पत्रिका को यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनानी चाहिए.

प्रतिक्रिया

"सभी मीडिया हाउस के लिए ये वो वक़्त है जब वो यौन शोषण कमेटी बनाएं. तेजपाल अपनी सद्भावना ऐसी कमेटी के सामने पेश होकर जता सकते हैं."

-करुणा नंदी, वकील

इस बीच गोवा में फ़िल्म उत्सव में हिस्सा लेने पहुँचे सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है, "ये काफ़ी संवेदनशील मामला है. इसमें पूरा ब्योरा देखने के बाद अगर लगता है कि कोई प्रतिक्रिया देने की ज़रूरत है तो हम ज़रूर ऐसा करेंगे."

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने तेजपाल की तुरंत गिरफ़्तारी की माँग की है. पार्टी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, "हम तरुण तेजपाल की तुरंत गिरफ़्तारी की माँग करते हैं."

महिला ने इस बारे में पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी से कथित घटना के बारे में शिकायत की थी.

इस पूरे मामले पर महिला कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने  सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है, उनकी मांग है कि इस घटना की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.

वकील करुणा नंदी ने ट्वीट किया, "सभी मीडिया हाउसों के लिए ये वक़्त है जब वो यौन शोषण के खिलाफ कमेटी बनाएं. तेजपाल अपनी सद्भावना ऐसी कमेटी के सामने पेश होकर जता सकते हैं."

वहीं पत्रकार  सागरिका घोष ने ट्वीट किया, "तहलका में जो हुआ उससे हैरान और बहुत दुखी हूं. तरुण कई सालों से दोस्त हैं, अब अनजाने जैसे लगते हैं...क्यों, तरुण?"

तहलका ने साल 2000 में भारत के समाचार बाज़ार में एक वेबसाइट के तौर पर शुरुआत की थी. जल्दी ही इसे अपनी खोजी और अक्सर विवादास्पद पत्रकारिता के लिए पहचान मिली.

तहलका ने मार्च 2001 में सनसनी पैदा कर दी जब इसने सेना के अफ़सरों और नेताओं के वीडियो टैप जारी किए जो हथियारों के सौदागर बने पत्रकारों से घूस ले रहे थे.

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