लखनऊ (ब्यूरो)। यहां पद्मश्री मालिनी अवस्थी के गजल और ठुमरी गायन से उनको याद किया गया। इस दौरान संस्कृति मंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी, विशिष्ट अतिथि निखिल मेहरोत्रा व अकादमी की अध्यक्ष डॉ। पूर्णिमा पांडे मौजूद रही।

दादरा ठुमरी की बही बयार, राग मिश्र तैलंग में गायकी

कार्यक्रम की शुरुआत मालिनी अवस्थी ने राग विहाग मिश्र में निबद्ध ठुमरी 'हमसे नजरिया काहे फेरी रे बालम' राग मिश्र तैलंग में ठुमरी 'बलम तोरे झगरे में रैन गई में' शब्दों को अपनी गायकी के अंदाज में पेश किया। इस पर तबले पर बैठे अजराड़ा घराने के उस्ताद अतहर हुसैन ने पुराने अंदाज का कहरवा खूब जमा।

मालिनी अवस्थी ने पेश किया 'पूरब मत जइयो राजाजी'

इसके बाद मालिनी अवस्थी ने बनारसी और पूरबी अंग का दादरा 'पूरब मत जइयो राजाजी' पेश किया। वहीं गजलों की बारी आई तो उन्होंने कफछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया, ओ बेदर्दी सपने में आजा और हमरी अटरिया जैसी रचनाओं को पेश किया। जिसे सुनकर दर्शक भावविभोर हो उठे।

lucknow@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk