ये हैं हूफ्ट

ये वही हूफ्ट हैं, जिन्होंने 2006 से 2012 के बीच गूगल के लिए छह साल तक काम किया। इन्होंने ये बाते अक्टूबर में बिजनेस इंसाइडर्स को बताईं। ये वो समय था जब पिचाई को प्रमोशन दिया गया था। उनको ये प्रमोशन गूगल के सभी मेजर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के कार्यभार के रूप में दिया गया था। आइए बात करें हूफ्ट के बताए इन दोनों के बीच के अंतर के बारे में।

ये है अंतर दोनों के बीच

उन्होंने बताया कि अगर पहले अंतर की बात करें तो लैरी के पास नीले आकाश तक का विज़न है। वह किसी भी दुस्सहासिक लक्ष्य को पाने से डरते नहीं हैं। वहीं सुंदर एक बेहद अच्छे ऑपरेटर हैं। उनके हिसाब से जब लैरी और सैर्गी दोनों अपने विज़न को सामने रखते हैं, तो सुंदर ही वो व्यक्ति है, जो उसपर काम कर सकता है। वह इसको लेकर पूरी टीम को जोड़ सकते हैं। उस टीम में से वह एक सही व्यक्ित को उसके लिए नियुक्त कर सकते हैं। उनके मुताबिक सिर्फ वही हैं, जो ऐसा कर सकते हैं। इसके आगे वह कहते हैं कि इसका ये मतलब नहीं है कि सुंदर के पास कोई प्रोडक्ट विजन नहीं है, लेकिन बीते 10 साल के कामों पर गौर करें तो लैरी इस काम को ज्यादा बेहतर कर सकते हैं।  

निजी नजरिए पर आधारित

हूफ्ट, जो 2006 में गूगल का हिस्सा बने, कहते हैं कि उनका ये स्टेटमेंट उनके निजी नजरिए पर आधारित हैं और जरूरी नहीं कि ये निश्चित ही हो। वह कहते हैं कि उन्होंने अपने सामने पिचाई को इस पद तक पहुंचते देखा है। ऐसे में उनके हिसाब से पिचाई बतौर सीईओ बिल्कुल परफेक्ट हैं।

Hindi News from Business News Desk

Interesting News inextlive from Interesting News Desk