रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने सौदे को दिया अंतिम रूप

ताजा मामला नौ अत्याधुनिक वाइपर हमलावर हेलीकॉप्टर देने का है। अमेरिका रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने इस सौदे को अंतिम रूप दे दिया है। सितंबर 2018 तक इन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति हो जाएगी। भारत की कड़ी आपत्ति के बावजूद पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान देने के हाल के अमेरिकी फैसले के बाद ओबामा प्रशासन द्वारा उठाया गया यह बड़ा कदम है। पेंटागन के बयान में कहा गया है कि 170 मिलियन डॉलर यानी 1128 करोड़ रुपये का यह सौदा विदेशी सैन्य व्यापार निधि से हुआ है। बेल एएच-1 जेड वाइपर हेलीकॉप्टर दो इंजन वाला हमलावर है। इसे अमेरिकी मरीन कमांडो के लिए खासतौर पर बनाया गया है।

अमेरिकी संसद ने दी सौदे की स्वीकृति

अमेरिका पाकिस्तान को विमानों में ईंधन की आपूर्ति करने वाली अत्याधुनिक नौ किट भी देगा। अमेरिका का कहना है कि यह आपूर्ति 952 मिलियन डॉलर यानी 6321 करोड़ रुपये के रक्षा सौदे में शामिल है। जिसे अप्रैल 2015 में अमेरिकी संसद ने स्वीकृत दी थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने 15 वाइपर हमलावर हेलीकॉप्टर 32 टी-700 जीई 401 सी इंजन और 1000 एजीएम आर हेलीफायर 2 मिसाइल देने के लिए अनुरोध किया है। इससे पहले ओबामा प्रशासन ने कुछ सांसदों और भारत के कड़े विरोध के बावजूद आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों के सौदे को मंजूरी दी थी।

पाक ने मांगे उच्च तकनीकी उपकरण

पाकिस्तान ने इसके अतिरिक्त युद्ध को आसान बनाने के लिए उच्च तकनीकी क्षमता वाले कई और उपकरणों की भी मांग की है। इन उपकरणों में मिसाइल वार्निंग सिस्टम और 20 एमएम गन सिस्टम जैसे युद्ध में सहायक हथियार शामिल हैं। ये सभी 952 मिलियन डॉलर के रक्षा सौदे में शामिल हैं। इन्हें देने के लिए अमेरिकी सरकार अपनी स्वीकृति पहले ही दे चुकी है। पाकिस्तान के साथ रक्षा सहयोग कर रही एजेंसी के अनुसार ये हेलीकॉप्टर और रक्षा सामग्री आतंकवाद से लड़ाई में सहयोग के लिए दी जा रही है।

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