कानपुर (ब्यूरो)। इसके लिए रेलवे ने एटीएम की तरह दिखाई देने वाली स्मार्ट मोबाइल चार्जिंग कियॉस्क मशीनें लगाने का फैसला लिया है। मशीनों में पैसेंजर्स अपने मोबाइल को लॉकर्स में सेफ रख सकेंगे। इससे मोबाइल चोरी होने का डर भी नहीं रहेगा। इस सर्विस के लिए प्रति घंटे के मुताबिक चार्ज पे करना होगा।
एक मशीन में 20 लॉकर
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक मुरादाबाद, बरेली समेत कई स्टेशनों से इसकी पहल इसी महीने से की जाएगी। जिसके बाद एनसीआर के कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, मुगलसराय, टूंडला समेत अन्य स्टेशनों पर यह स्मार्ट कियॉस्क मोबाइल चार्जिंग मशीनों को लगाया जाएगा। यह मशीनें देखने में एटीएम की तरह है। एक मशीन में 20 लॉकर होते है। जिसमें पैसेंजर्स चार्जिंग के साथ अपना मोबाइल सुरक्षित रख सकता है।
कानपुर में लगेंगी 8 मशीनें
एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह के मुताबिक जीआरपी के आंकड़ों को देखा जाए तो प्रतिदिन मोबाइल चोरी होने की कई एप्लीकेशन आती है। जिसमें अधिकतर पीडि़तों का यह कहना होता है कि उन्होंने फोन को चार्जिंग में लगाया था। थोड़ी सी नजर हटते ही उनका मोबाइल चोरी हो गया।
10 रुपये प्रति घंटा चार्ज
इस मशीन की सेवा लेने के लिए पैसेंजर्स को 10 रुपये प्रति घंटे के मुताबिक चार्ज पे करना होगा। उन्होंने बताया कि कियॉस्क मशीन पैसेंजर्स के लिए काफी लाभदायक साबित होगा। पैसेंजर्स 10 रुपये पे करके अपना मोबाइल सुरक्षित चार्ज कर सकता है।
कैसे करेंगे यूज
- मोबाइल चार्जिंग के लिए मशीन में खाली लॉकर का चयन करना होगा
- इसके बाद टाइम के मुताबिक 10 या 20 रुपये का नोट मशीन में डालना होगा
- पैसे डालते ही चार्जिंग मशीन से बारकोड वाली एक स्लिप निकलेगी
- मोबाइल वापस लेने के लिए बारकोड वाली स्लिप को मशीन से स्कैन करना होगा
- जिसके बाद ही लॉकर खुलेगा। मोबाइल रखते समय लॉकर्स को पासवर्ड से खुलेगा
- कैंट साइड पैसेंजर हॉल में 2 मशीनें
- सिटी साइड पैसेंजर हॉल में 2 मशीनें
- प्लेटफार्म 2-3 व 4-5 में 2 मशीनें
- प्लेटफार्म 6-7 व 8-9 में 2 मशीनें
'चार्जिंग के दौरान पैसेंजर्स के मोबाइल चोरी होने की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने यह प्लानिंग बनाई है। इससे पैसेंजर्स को काफी रिलीफ मिलेगी।'
- अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर
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