-बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मामला

-मंगलवार को अंतिम बार बुलावा भेजने के बाद भी नहीं पहुंचे ज्वाइनिंग लेटर रिसीव करने

-इलाहाबाद में अब ये पद घोषित कर दिए जाएंगे रिक्त

ALLAHABAD: चार साल बाद नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के कगार पर है। ज्यादातर के हाथ में नियुक्ति पत्र है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर अपने तैनाती स्थल पर रिपोर्ट कर देना है। यह एक पक्ष है। दूसरा पक्ष यह है कि अकेले इलाहाबाद में करीब बीस फीसदी आवेदक ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी दावेदारी ही छोड़ दी है। मंगलवार को इन्हें दोबारा कॉल किया गया था ज्वाइनिंग लेटर रिसीव करने के लिए। लेकिन कुल 316 ऐसे रहे, जो इसे रिसीव करने के लिए नहीं पहुंचे। विभाग अब इनकी सूची मुख्यालय को भेज देगा। माना जा रहा है कि इसके बाद इलाहाबाद में इन पदों को वेकेंट मान लिया जाएगा।

मंगलवार को था अंतिम मौका

मंगलवार को बेसिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के लिए नियुक्ति पत्र मिलने की अंतिम तिथि थी। सर्व शिक्षा अभियान दफ्तर पर बारिश के बाद भी तैयारियां पूरी रखी गई थीं। कर्मचारी भी समय से पहुंच चुके थे। मौसम परेशान करने वाला था लेकिन माना जा रहा था कि नौकरी का मामला होने की वजह से ज्वानिंग लेटर रिसीव करने के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहुंचेंगे। शाम तक इसके लिए इंतजार भी किया गया। लेकिन, बचे लोगों ने इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। दिनभर में सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में सिर्फ आठ से दस लोगों ने हाजिरी लगाई। नियुक्ति पत्र मिलने पर इन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया।

ये नहीं पहुंचे सर्व शिक्षा अभियान

कोर्डिनेटर एपी मिश्रा ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान दफ्तर से नियुक्ति पत्र वितरण का मंगलवार अंतिम दिन था। शाम तक महिला और पुरुष अभ्यार्थियों को मिलाकर कुल सात लोग ही नियुक्ति पत्र लेने के लिए पहुंचे। ऑफिस क्लोज होने के समय तक क्क्फ् महिला और ख्क्फ् पुरुष अभ्यार्थी अपना नियुक्ति पत्र रिसीव करने कार्यालय नहीं पहुंचे। उन्होंने बताया कि यहां से म्7क् पुरुष और भ्ब्भ् महिलाओं को नियुक्ति पत्र बांटा गया है। जबकि, रिक्रूटमेंट क्भ्00 से अधिक पदों पर होना था। बताया कि, जिन अभ्यर्थियों ने अपना नियुक्ति पत्र कार्यलय से नहीं लिया है, उनकी सूची शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद उनका अभ्यर्थन निरस्त मान लिया जाएगा।

लम्बे इंतजार के बाद यह दिन आया है। इस खुशी को शब्दों में बयां करना बेहद मुश्किल है। बस यूं समझ लीजिए, मंजिल न सही, पड़ाव तो मिल ही गया।

राजेश

नियुक्ति पत्र हासिल करने के बाद काफी अच्छा लग रहा है। इस जॉब के लिए हमने दिन रात काफी काफी मेहनत की थी। नतीजा आज जाकर हाथ लगा है।

निर्भय

इस दिन का काफी बेसब्री से इंतजार था। कब हमें नियुक्ति पत्र मिलें और हम खुशियां मना सके। इंतजार की घडि़यां लम्बी थीं, लेकिन नियुक्ति पत्र पाने के बाद कोई वक्त से कोई गिला नहीं रह गया।

रविन्द्र

नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के बाद काफी अच्छा लग रहा है। बीच में कुछ परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उम्मीदें टूटने लगीं। लेकिन, कहते हैं न कि सब्र का फल मीठा होता है। कुछ ऐसा ही फील हो रहा है।

किरण