1. जालंधर में रहने वाली गुरमेहर जब 2 साल की थी तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। गुरमेहर के पिता कैप्टन संदीप सिंह 1999 में हुए कारगिल वार में शहीद हुए थे।
2. गुरमेहर को अपनी पिता की बस थोड़ी बहुत याद है। लेकिन जब वह 6 साल की हुई तो उसे कुछ समझ आया कि उसके पिता की मौत के जिम्मेदार पाकिस्तानी हैं। यहां तक कि उसे मुस्लिमों से भी चिढ़ होने लगी थी क्योंकि उसका मानना था कि सभी पाकिस्तानी मुस्लिम होते हैं।
3. गुरमेहर जब और बड़ी हुई तो उसकी समझ में आया कि वह अभी तक जिन पाकिस्तानियों और मुस्लिमों से चिढ़ती है। दरअसल वह भी हमारी तरह ही हैं। उसके पिता की मौत का जिम्मेदार पाकिस्तान नहीं वो युद्ध था जो दो पड़ोसी देशों के बीच लड़ा गया था।
4. फिलहाल गुरमेहर भी सेना से जुड़ी चुकी है लेकिन वह चाहती है दोनों देशों के बीच अब कभी वो लड़ाई न हो। फिर किसी बेटी के सिर से पिता का साया न उठे। क्योंकि अपनों को खोने का दर्द ऐसा होता है जो वक्त के साथ भी नहीं भरता।
5. गुरमेहर चाहती है कि जर्मनी और फ्रांस के बीच दो वर्ल्ड वार होने का बाद भी दोस्ती हो सकती है, वहीं जापान और अमेरिका भी आगे आकर एक-दूसरे को गले लगा सकते हैं तो हम क्यों नहीं। क्या भारत-पाक सरकारें बंदूकों की नोक की बजाए आपसी भाईचारे से नहीं रह सकते। ये आपसी लड़ाई कब तक चलेगी। मैं नहीं चाहती कि फिर कोई गुरमेहर बने।
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