परचम कुशाई के साथ हुई तीन रोजा उर्स-ए-रजवी की शुरुआत

जायरीन की आमद से नूरानी हो उठा बरेली का कोना-कोना

BAREILLY: आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 97वें उर्स का आगाज संडे को बड़े ही नूरानी माहौल के बीच परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गया। आला हजरत के उर्स के मौके पर हर गली-कूचे और घरों से रजा रजा रजा रजा की सदाएं आ रही थीं। वहीं देश-विदेश से बरेली शरीफ पहुंचे हजारों जायरीन ने आला हजरत की दरगाह पर चादरपोशी कर हाजिरी लगाई। दरगाह कमेटी की ओर से बताया गया कि उर्स में शिरकत करने के लिए पहले दिन करीब ढाई लाख से ज्यादा जायरीन बरेली पहुंचे।

इश्क-मोहब्बत, आला हजरत

सुबह की नमाज के बाद से ही बिहारीपुर स्थित आला हजरत की दरगाह पर उनके मुरीदों के पहुंचे की होड़ से लग गई थी। उनके मुरीद इकट्ठा होकर हाथों में मन्नतों की चादर, सिर पर पर फूलों की चादर लेकर बढ़ रहे थे। उनके साथ-साथ चल रहे अन्य अकीदतमंद इश्क-मोहब्बत, आला हजरत समेत तमाम नारे लगाकर नजराने अकीदत पेश कर रहे थे। शाम तक यह सिलसिला चलता रहा। फिर अकीदतमंद दरगाह पर हाजिरी लगाकर इस्लामिया ग्राउंड पर इकट्ठा हो गए।

अदा हुई परचम कुशाई की रस्म

दरगाह के सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन अहसन मियां की कयादत में इस्लामियां ग्राउंड के मेन गेट पर शाम को परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। इस रस्म के हजारों अकीदतमंद गवाह बने। इससे पहले जुलूसे परचम ठिरिया निजाबत खां से अहसन मियां की सरपरस्ती में रवाना हुआ। उन्होंने परचम देकर जुलूस का आगाज किया। जुलूस आजमनगर होता हुआ दरगाह आला हजरत पहुंचा और फिर इस्लामियां ग्राउंड के बाबे रजा पर हजरत सुब्हानी मियां ने परचम लगवाकर उसकी ज्यों ही डोरी खींची वैसे इस्लामियां ग्राउंड आला हजरत के नारों से गूंज उठा। हर कोई बस जैसे आला हजरत की मोहब्बत में डूबा सा नजर आया। उर्स में न सिर्फ मुस्लिम मुरीद बल्कि तमाम मसलकों के लोगों ने बड़ी ही अकीदत के साथ बढ़-चढ़कर शिरकत की।