- सुभारती चौकी के सामने रोडवेज बस में तोड़फोड़

- यात्रियों से बदसलूकी, सीओ से धक्का-मुक्की

- तीन मांगे का लिखित आश्वासन के बाद खुला जाम

Meerut: एनएच-भ्8 हाइवे पर रविवार रात हादसे में तीन लोगों की मौत को लेकर सोमवार सुबह फिर से लोगों का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने सुभारती पुलिस चौकी के सामने हाईवे पर जाम लगा दिया। दो घंटे तक हाईवे बंद रखा। इस दौरान उत्तराखंड डिपो की बस में तोड़फोड़ की गई। इससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। सीओ से धक्का-मुक्की हुई। मय फोर्स के साथ अफसर मौके पर पहुंच गए। प्रशासन की टीम द्वारा मांग पूरी करने का आश्वासन देने पर जाम खुला। वाहनों की कई किमी लाइन लग गई। घंटों बाद जाम जाम की स्थिति सामान्य हो पाई।

क्या था मामला

परतापुर थाना क्षेत्र के गांव घाट निवासी जीतू, सुनील व रोहताश की रविवार रात हादसे में मौत हो गई थी, जबकि रमेश गंभीर रुप से घायल हो गया था। चारों चिनाई कर ठेले से घर जा रहे थे। घटना के विरोध में गांव के सामने हाइवे पर जाम लगा दिया था। पुलिस-प्रशासन अधिकारियों ने सुबह खुद घर पहुंचकर उनकी मांगों की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। तय समय के बाद ग्रामीण व परिजन सुभारती चौकी पर पहुंच गए। करीब नौ बजे तक पुलिस-प्रशासन से कोई भी वहां नहीं पहुंचा तो लोगों का गुस्सा फिर से भड़क गया। महिलाओं व ग्रामीणों ने रोड पर जाम लगा दिया। इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई। भीड़ ने उत्तराखंड डिपो की बस पर पथराव किया और शीशे तोड़ दिए। इससे बस में सवार यात्रियों में भगदड़ मच गई। डर से बच्चे सहम गए। यात्रियों से धक्का-मुक्की की गई। जानकारी पर ब्रह्मापुरी, टीपीनगर, जानी, कंकरखेड़ा पुलिस मौके पर पहुंच गई। सीओ ब्रह्मापुरी विजय प्रताप व सीओ सरधना श्तेताभ पांडेय व एससीएम सदर भी मौके पर पहुंच गई। इस दौरान सीओ सरधना से तीखी नोकझोंक हुई। सीओ ने तहसील की टीम को भी मौके पर बुलाया। बाद में ख्0 लाख मुआवजा का प्रस्ताव भेजना, सरकारी योजना का लाभ व विधवा पेंशन बनवाने का आश्वासन पर लोग शांत हुए। करीब तीन घंटे तक हाइवे पर जाम की स्थिति रही। पुलिस ने फंसे वाहनों को बाहर निकाला। इस दौरान भाजपा नेता सतेंद्र भराला, घाट गांव के सपा नेता संजय राणा भी मौके पर मौजूद रहे।

शव पहुंचते ही मचा कोहराम

देर शाम पोस्टमार्टम के बाद गांव में शव पहुंचे तो कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव की गलियां चीख-पुकार से गूंज उठीं। एक साथ तीन अर्थी देख कोई भी अपने आंसू नहीं रोक सका। सैंकड़ों की संख्या में लोग शव यात्रा में शामिल हुए। सभी की जुबान पर बस एक ही सवाल था कि मजदूरी कर परिवार का पेट पालते थे। उनकी मौत के बाद परिवार की देखभाल व बच्चों का कैसे जीवन-यापन कैसे होगा। इस दौरान परतापुर व टीपीनगर पुलिस मौजूद रही।

इन्होंने कहा

मांगों को लेकर लोगों में आक्रोश था। उनकी सभी शर्त मानकर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।

-विजय प्रताप यादव, सीओ ब्रह्मापुरी